22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Special Story : हेमंत सोरेन और बसंत दो जिस्म एक जान, पढ़ें खास बातचीत

सियासी घमासान के बीच पिछले दो दिनों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका के विधायक बसंत सोरेन दिल्ली में थे. शनिवार को बसंत सोरेन आये. वह न केवल बैठक में शामिल हुए बल्कि लतरातू भी गये. प्रभात खबर के साथ उनकी विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर विशेष बातचीत हुई.

सुनील चौधरी, रांची

Prabhat Khabar Special: सियासी घमासान के बीच पिछले दो दिनों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका के विधायक बसंत सोरेन दिल्ली में थे. यूपीए की शुक्रवार को हुई बैठक में वह शामिल नहीं हो सके थे. इस कारण तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे थे. अफवाहें भी उड़ने लगी थी कि बसंत सोरेन भाजपा के संपर्क में हैं. शनिवार को बसंत सोरेन आये. वह न केवल बैठक में शामिल हुए बल्कि लतरातू भी गये. प्रभात खबर के साथ उनकी विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर विशेष बातचीत हुई.

आप दो दिनों तक गायब थे? क्या भाजपा के संपर्क में थे?

गायब था, बिलकुल सही बात है. भाजपा के संपर्क में था यह भी सही बात है. पर मैं झारखंड के भाजपा विधायकों के संपर्क में था. उन्हें अपने पाले में लाने के लिए दिल्ली में एक अॉपेरशन में जुटा था. 10 विधायकों से बात हुई है. जल्द ही वे झामुमो को समर्थन देंगे. हमारी सरकार में शामिल होंगे.

कहा जा रहा है कि आप मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, इसलिए गायब थे?

मैंने कहा न कि किन वजहों से गायब था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार मेरे संपर्क में थे. रही बात सिसासी संकट में मुख्यमंत्री के रूप में नाम उड़ने का तो. उड़ने दीजिये. क्या फर्क पड़ता है, हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री रहे या बसंत सोरेन. दोनों दो जिस्म एक जान हैं. कोई मुगालते में न रहे कि हम अलग हैं और इसका फायदा उठाना चाहिए.

वर्तमान सियासी संकट में आपको क्या लग रहा है, हेमंत जी की सदस्यता चली जायेगी तो क्या होगा?

तो क्या होगा. सदस्यता चली जायेगी तो वो फिर दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे. यूपीए का चेहरा हेमंत सोरेन था, है और रहेगा. किसी की साजिश से कोई मुख्यमंत्री न रहे ऐसा होता है क्या? यूपीए के पास बहुमत है और बहुमत जिसके पास है उसकी ही सरकार रहेगी. अभी बहुमत हेमंत जी के साथ है तो दोबारा भी वही मुख्यमंत्री रहेंगे.

चुनाव आयोग में आपकी भी सदस्यता को लेकर मामला चल रहा है, क्या स्थिति है?

मामला चल रहा है. 29 अगस्त को सुनवाई की तिथि दी गयी है. इसके पूर्व मैंने और मेरे वकीलों ने चुनाव आयोग को सारा जवाब दे दे दिया है. मेरे ऊपर अॉफिस अॉफ प्रॉफिट का कोई मामला बनता ही नहीं है. मैंने शपथ पत्र में सारी जानकारी दी थी.

राजभवन का क्या रुख है?

राजभवन के ही फैसले का इंतजार है. जब फैसला आयेगा तो हम आगे कदम उठायेंगे. हम फिर से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. यदि कोई गड़बड़ी करने का प्रयास करेंगे तो 50 से अधिक विधायकों के साथ राजभवन में ही बैठ जायेंगे.

Posted By: Rahul Guru

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel