रांची. झारखंड सरकार राज्य के 67 लाख गरीब परिवारों को एक-एक लीटर सरसों तेल उपलब्ध करायेगी. इसे लेकर प्रस्ताव बनाया गया है. इससे संबंधित संचिका कैबिनेट के पास भेजी गयी है. वहीं दूसरी तरफ बजट के अभाव में महत्वाकांक्षी सोयाबीन-बड़ी और मोटा अनाज वितरण योजना बजट की घोषणा के बाद भी धरातल पर नहीं उतर सकी है. गरीब परिवारों को पोषणयुक्त आहार देने के लिए शुरू होनेवाली दोनों योजनाएं अब तक केवल फाइलों तक सिमट कर रह गयी हैं.
बजट के अभाव में योजना शुरू नहीं हो पायी
सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से लाभुकों को चावल और गेहूं के साथ सोयाबीन-बड़ी और मोटा अनाज (जैसे बाजरा, ज्वार, रागी) देने की घोषणा की थी. सोयाबीन-बड़ी वितरण योजना की घोषणा 27 फरवरी 2024 को बजट भाषण में हुई थी. इसके लिए बजट में 2,860.27 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया. वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 में गरीब लाभुक परिवारों को मोटा अनाज एवं अन्य खाद्य सामग्री वितरण करने की योजना बनायी गयी. इसके लिए भी बजट में 103.32 करोड़ का प्रावधान है. लेकिन चालू वित्तीय वर्ष के सात माह से अधिक समय गुजरने पर भी बजट के अभाव में योजना शुरू नहीं हो पायी है. झारखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना व झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना जुड़े लाभुक परिवारों की संख्या 67, 75,730 है.
::::::::::: ::::::::::::::::: ::::::::::सस्ता पाम ऑयल के कारण गरीबों की सेहत हो रही खराब : इरफानखाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि सस्ता पाम ऑयल खाने से गरीबों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे में सरकार ने गरीबों को सरसों तेल देने की योजना बनायी है. इसे लेकर प्रस्ताव बनाया गया है. संचिका कैबिनेट में भेजी गयी है. बजट के अभाव में सोयाबनी-बड़ी व मोटा अनाज वितरण योजना शुरू करने में देरी हुई है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

