पिपरवार. पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को याद करने का क्रम जारी है. लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान व श्राद्ध कर्म कर रहे हैं. लोग ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन करा रहे हैं. रोज सुबह में कोयलांचल के सपही व दामोदर नद में लोग यह धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं. लोगों को विश्वास है कि पितृपक्ष में पूर्वजों को स्मरण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. जानकारी के अनुसार भ्राद्र पद की पूर्णिमा से अश्विनी मास की अमावस्या तक पितरों को पिंडदान, तर्पण व श्राद्धकर्म किया जाता है.
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