डकरा. पिछले एक दशक से प्रतिवर्ष लगातार सैकड़ों करोड़ रुपये घाटे में चल रहा एनके एरिया का चालू वित्तीय वर्ष भले ही कुछ संतोषजनक हो, लेकिन अगले दो-तीन साल का एक्शन प्लान पर कोई काम नहीं होने, अधिकारियों के बीच तालमेल का अभाव होने व कुछ विभागीय प्रमुखों के गैरजिम्मेदार कार्यशैली आदि कारणों से क्षेत्र में निराशा है. हालत यह है कि यह निराशा कभी भी बगावती रूप में सामने आ सकता है. ऐसा माहौल काम करनेवाले अधिकारियों का एक बड़े वर्ग को खलने लगा है. कार्यस्थल पर आये दिन सीनियर और जूनियर अधिकारियों के बीच की मर्यादा टूट रही है. अधिकारियों के बीच आपसी मतभेद बढ़ने से एनके एरिया का एक गौरवशाली कार्यसंस्कृति बदनाम होने लगा है. मामले को लेकर क्षेत्र में हर कोई चिंतित है.
संयुक्त श्रमिक संगठनों की बैठक आज :
एनके एरिया के बदलते औद्योगिक माहौल से चिंतित क्षेत्र के सभी श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने रविवार को डकरा वीआइपी क्लब में बैठक बुलायी है. बैठक में कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने की संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है