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panchayat election in jharkhand 2020 : जनवरी से अफसरों के हाथ गांव की सरकार, रुक जायेगी केंद्रीय मदद

64,700 पदों के लिए जनप्रतिनिधियों को है पंचायत चुनाव का इंतजार, 32,620 गांव राज्य के तीसरे चुनाव की आस में होंगे

रांची : दिसंबर में ही राज्य में ‘गांव की सरकार’ का कार्यकाल खत्म हो जायेगा. इसके बाद ‘गांव की सरकार’ की कमान अफसरों के हाथ में होगी. 64700 जनप्रतिनिधियों के सारे अधिकार अफसरों के पास होंगे. गांवों को फिर से अपनी सरकार के बनने का इंतजार होगा. बताते चलें कि दिसंबर 2015 में पंचायत चुनाव हुआ था और पांच साल का कार्यकाल दिसंबर में पूरा हो जायेगा.

ऐसे में फिर से गांव की सरकार के लिए चुनाव संपन्न होने का इंतजार रहेगा. दिसंबर का आधा माह बीत गया. फिर भी राज्य स्तर पर पंचायत चुनाव को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है. इसे लेकर कोई तैयारी नहीं है. ऐसे में राज्य के करीब 32620 गांव और उसके जनप्रतिनिधि सरकार के अगले कदम की ओर टकटकी लगाये हुए हैं. झारखंड में तीसरी बार पंचायत चुनाव होने हैं. चुनाव की तिथि को लेकर जनप्रतिनिधियों में बेचैनी है.

गांव की सरकार की कमान संभालनेवाले जनप्रतिनिधियों के 10 साल तो अधिकार मांगते- मांगते गुजर गये. अब आने वाले पांच साल यानी तीसरी बार अधिकार के लिए संघर्ष करने का संकल्प लेकर आगे बढ़ने को तैयार हैं. उन्हें कुल 14 विभागों के 29 विषय का अधिकार देना था. कागज पर तो अधिकार दे दिये गये, पर वास्तव में आज भी वे अधिकार मांग रहे हैं.

मुखिया संघ की मांग :

जब तक पंचायत चुनाव सरकार नहीं कराती है, तब तक के लिए उन्हें अवधि विस्तार दिया जाये, अधिकारियों के हाथ न हो पावर

10 हजार करोड़ मिले 10 वर्षों में, चुनाव नहीं होने पर विकास होगा बाधित

पिछले 10 साल में 10000 करोड़ से अधिक राशि केंद्र सरकार से पंचायतों में विकास के लिए मिली है. तीसरी दफा चुनाव के बाद 15 वें वित्त आयोग से फिर बड़ी राशि मिलेगी. वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2019-20 में 6046 करोड़ 14 वें वित्त आयोग से मिले हैं. इस बार 15 वें वित्त आयोग से राशि में और इजाफा होने की संभावना है. लेकिन चुनाव नहीं हुए, तो केंद्रीय मदद रुक जायेगी. इससे गांवों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है.

पंचायत चुनाव पर फैक्टशीट

पहली बार चुनाव

दिसंबर 2010

दूसरी बार चुनाव

दिसंबर 2015

पदों की स्थिति

जिला परिषद सदस्यों की संख्या 545

पंचायत समिति सदस्य 5,423

ग्राम पंचायत मुखिया 4,402

ग्राम पंचायत सदस्य 54,330

कुल 64,700

अब तक जो राशि केंद्र से मिली

4,000 करोड़ से अधिक राशि मिली.वर्ष 2010 से 2015 के बीच. बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड (बीआरजीएफ) से राज्य सरकार को अनुदान मिला.6,046 करोड़ मिले वर्ष 2015 से 2020 के बीच 14 वें वित्त आयोग से

वर्षवार भारत सरकार से जो राशि झारखंड को मिली (राशि करोड़ में) वर्ष बेसिक ग्रांट परफॉर्मेंस ग्रांट कुल

2015-16 652.83 00 652.83

2016-17 903.96 118.57 1022.53

2017-18 1044.45 134.18 1178.63

2018-19 1208.24 152.38 1360.62

2019-20 1632.59 199.53 1832.12

कुल 5442.07 604.66 6046.73

प्रावधान देख रही है सरकार, जनवरी तक कार्यकाल बढ़ाने का विचार

इधर, मुखिया संघ की ओर से यह मांग उठ रही है कि जब तक पंचायत चुनाव सरकार नहीं कराती है, तब तक के लिए उन्हें अवधि विस्तार दी जाये. यानी पंचायती व्यवस्था के पुनर्गठन तक अवधि विस्तार मिले. सरकार झारखंड मुखिया संघ की मांग पर विचार कर रही है. यह देखा जा रहा है कि जनवरी के पहले सप्ताह तक कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है या नही. प्रावधान है या नहीं. पर सरकार ने स्पष्ट किया है कि चुनाव जल्द कराने का प्रयास होगा.

posted by : sameer oraon

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