रांची. झारखंड चेंबर के कार्यकारिणी समिति की बैठक स्थानीय होटल में हुई. अध्यक्षता चेंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने की. बैठक में झारखंड में पान मसाला को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किये जाने से इसके व्यापार में शामिल व्यापारियों को होनेवाली असुविधा पर चर्चा की गयी. कहा कि सरकार को कुछ समय देना चाहिए, ताकि ऐसे व्यापारी जिनके पास स्टॉक जमा हैं, वे मैन्यूफैक्चरर्स को वापस कर सकें या पड़ोसी राज्यों में भेज सकें. सरकार को इस बात की भी समीक्षा करनी चाहिए कि इसके नियमों की आड़ में किसी व्यापारी का भयादोहन न हो. इस दौरान उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री और झारखंड चेंबर के सदस्य योगेंद्र प्रसाद और सांसद प्रदीप वर्मा को सम्मानित किया गया. श्री प्रसाद ने कहा कि झारखंड चेंबर परिवार का एक सदस्य राज्य सरकार के कैबिनेट में है. परिवार का सदस्य होने के नाते जहां भी मेरी आवश्यकता होगी, चेंबर मुझे अवगत कराये. सरकार के स्तर से उनके समाधान का हरसंभव प्रयास करेंगे.
समस्याओं पर हुई चर्चा
बैठक में इथेनॉल डिस्पैच पर एक रुपये प्रति लीटर परमिट शुल्क लगाने और इथेनॉल की आवाजाही के लिए परमिट की आवश्यकता के विभागीय निर्णय से होनेवाली समस्याओं पर चर्चा हुई. कहा कि अतिरिक्त शुल्क और परमिट प्रणाली प्रभावी करने से यह उद्योग प्रभावित होगा, इससे राज्य के राजस्व और औद्योगिक विकास में बाधा आयेगी. ऐसा शुल्क देश के किसी भी राज्य में नहीं लगाया गया है. पूर्व अध्यक्ष महेश पोद्दार ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में ट्रेड लाइसेंस औचित्यहीन है. इस लाइसेंस की अनिवार्यता को खत्म करना चाहिए. मौके पर पूर्व अध्यक्ष आरके सरावगी, महेश पोद्दार, अरुण बुधिया, कुणाल अजमानी, धीरज तनेजा, किशोर मंत्री, महासचिव आदित्य मल्होत्रा सहित कई सदस्य मौजूद थे.
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