NO OBSCENE ONLINE: भारत सरकार ने इंटरनेट को सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. महिलाओं और बच्चों को अश्लीलता, भ्रामक सूचना और साइबर अपराधों से बचाने के लिए आईटी अधिनियम, आईटी नियम 2021 और भारतीय न्याय संहिता को और सख्त बनाया गया है. अब 50 लाख से अधिक यूजर्स वाले सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों को स्थानीय अधिकारियों की नियुक्ति और अनुपालन रिपोर्ट सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा.
आईटी अधिनियम 2000: साइबर अपराधों पर सीधा वार
आईटी अधिनियम के तहत निजता का उल्लंघन, अश्लील सामग्री का प्रकाशन और यौन रूप से स्पष्ट कंटेंट पर कड़ी सजा का प्रावधान है. पुलिस को जांच, तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है ताकि ऑनलाइन अपराधों पर तुरंत कार्रवाई हो सके.
आईटी नियम 2021: सोशल मीडिया पर सख्त जिम्मेदारी
नये नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को गैरकानूनी कंटेंट हटाने की जिम्मेदारी दी गई है. 72 घंटे में अवैध सामग्री हटाना अनिवार्य है, जबकि नग्नता या निजता का उल्लंघन करने वाली सामग्री को 24 घंटे में हटाना होगा. शिकायत अधिकारी और अपीलीय समितियों की व्यवस्था से पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है.
बड़े प्लैटफॉर्मों पर अतिरिक्त बोझ
50 लाख से अधिक यूजर्स वाले सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों को भारत में स्थानीय अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी. साथ ही, उन्हें अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी और गंभीर मामलों में कंटेंट के मूल स्रोत का पता लगाने में मदद करनी होगी.
भारतीय न्याय संहिता 2023: नया कानूनी कवच
बीएनएस 2023 ने ऑनलाइन अश्लीलता, भ्रामक सूचना और साइबर अपराधों पर और सख्ती की है. अश्लील कृत्यों और अश्लील सामग्री की बिक्री पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. इससे डिजिटल अपराधों पर नियंत्रण और कानूनी कार्रवाई और मजबूत होगी.
ओटीटी प्लैटफॉर्म पर सरकार की नजर
ओटीटी प्लैटफॉर्मों को आचार संहिता का पालन करना होगा और किसी भी प्रतिबंधित सामग्री का प्रसारण नहीं करना होगा. सरकार ने अब तक अश्लील सामग्री दिखाने वाले 43 ओटीटी प्लैटफॉर्मों पर सार्वजनिक पहुंच रोक दी है. यह कदम डिजिटल मनोरंजन को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है. सूचना एवं प्रसारण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन ने हाल ही में लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उठाये गए एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी.
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