: रांची विवि आइएलएस में वन नेशन वन इलेक्शन विषय पर संगोष्ठी रांची. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वन नेशन वन इलेक्शन का विचार भारतीय लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है. बार-बार होने वाले चुनावों से न केवल संसाधनों की बर्बादी होती है, बल्कि विकास कार्यों की गति भी रूक जाती है. श्री मरांडी बुधवार को रांची विवि अंतर्गत इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (आइएलएस) सभागार में वन नेशन वन इलेक्शन विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे. श्री मरांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक निर्णायक सुधार है, जो न केवल चुनाव प्रणाली को सरल बनायेगा, बल्कि देश की आर्थिक और प्रशासनिक क्षमता को भी कई गुना बढ़ायेगा. काजीरंगा (असम) सांसद कामाख्या प्रसाद ताशा ने कहा कि यह पहल देश की एकता, स्थिरता और सुशासन की नींव को और मजबूती प्रदान करेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने जो दृष्टिकोण रखा है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए राजनीति में नयी दिशा तय करेगा. पूर्व सांसद समीर उरांव ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन से ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों तक विकास योजनाओं का कार्यान्वयन और तेजी से हो सकेगा. यह पहल राष्ट्र की लोकतांत्रिक एकजुटता का प्रतीक बनेगी. संचालन युवा मोर्चा रांची महानगर अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह ने किया, जबकि विषय प्रवेश महामंत्री रुपेश सिन्हा व धन्यवाद ज्ञापन संयोजक नीरज कुमार ने किया. इस अवसर पर युवा मोर्चा प्रदेश प्रभारी विनय जायसवाल, महामंत्री रूपेश सिन्हा, उपाध्यक्ष पूजा सिंह, रांची जिला अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह, कार्यक्रम संयोजक नीरज कुमार, आइएलएस निदेशक मयंक मिश्रा, विवि एनएसएस को-ऑर्डिनेटर डॉ ब्रजेश कुमार, विनोद पाठक, अमन यादव, पवन पासवान, रणधीर दास, अमित दुबे, धर्मेंद्र शुक्ला, धर्मवीर सिंह, सुमन बाखला, राहुल चौबे, धीरज अग्रवाल, निशांत, आनंद, सुनील यादव सहित अन्य उपस्थित थे.
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