सिल्ली. आंगनबाड़ी में छोटे छोटे बच्चों, किशोरियों के स्वास्थ्य के लिए सरकार करोड़ों खर्च करती है. आंगनबाड़ी केंद्रों में भी धुआं रहित किचन के लिए सरकार ने गैस सिलिंडरों की व्यवस्था की है. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज भी आंगनबाड़ी केंद्रों में लकड़ियों से ही भोजन बनाया जा रहा है. सिल्ली के सीडीपीओ कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रखंड के 102 आंगनबाड़ी केंद्रों में लकड़ियों से ही बच्चों किए भोजन बनाया जाता है. समाचार संकलन के दौरान सिल्ली प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र लोवादाग (टु) में लकड़ी से पोषाहार बनाते देखा गया. पूछे जाने पर सेविका सुधा देवी ने बताया कि लकड़ी पर भोजन बनाने का काम पिछले दो महीने से किया जा रहा है. केंद्र के किचन में गैस सिलिंडर है, लेकिन उसमें गैस नहीं है. इसकी जानकारी महिला पर्यवेक्षिका को दे दी गयी है. उन्होंने कार्यालय से बात करके गैस का खाता खुलवाने का आश्वासन दिया है लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है. गैस नहीं होने का कारण पास के जंगल से लकड़ियों का जुगाड करना पड़ता है. ज्ञात हो कि आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों के लिए प्रतिदिन नाश्ता में सूजी का हलवा और खाना में दोपहर को मीनू के हिसाब से भोजन बनाया जाता है.
कार्यालय का पक्ष:
सिल्ली सीडीपीओ अभी नहीं है बीडीओ सिल्ली प्रभार में है. सीडीपीओ कार्यालय से पूछे जाने पर पता चला कि प्रखंड में कुल 151 आंगनबाड़ी केंद्र है उनमें से केवल 49 केंद्रों को ही गैस सिलिंडर की सुविधा है बाकी के लिए गैस एजेंसी को आवेदन दिए गए है लेकिन एजेंसी की लापरवाही के कारण अभी तक 102 केंद्रों को गैस सिलिंडर नहीं मिल सका है. इस कारण इन केंद्रों पर नौनिहालों के लिए लकड़ियों से ही पोषाहार तैयार किया जाता है.केंद्र में सिलिंडर तो दिये गये, लेकिन नहीं होती गैस की आपूर्ति
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