संवाददाता, रांची.
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के महासचिव पुष्कर महतो ने कहा कि कई चिह्नित आंदोलनकारियों को पूजा के समय में भी पेंशन की राशि नहीं मिली है. इससे उनके घर में पूजा फीकी तो हुई ही है, बीमारी में दवा खरीदने जैसे जरूरी कामों के लिए भी पैसे की कमी हो गयी है. पुष्कर महतो ने कहा कि अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में जिन आंदोलनकारियों का सक्रिय योगदान रहा, वे तंगहाली में जी रहे हैं. इन लोगों ने आंदोलन के समय पुलिस की लाठियां खायी, सलाखों के पीछे जीवन काटा, जिन पर सीसीए एक्ट लगा. झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितकरण आयोग के द्वारा चिह्नित होने के बाद ऐसे आंदोलनकारियों को झारखंड सरकार द्वारा सम्मान राशि देने का प्रावधान किया गया.
यह सम्मान पेंशन राशि वर्ष 2015 एवं 2021 से दी जाती रही है. तीन महीना से कम जेल जानेवालों को 3500 रुपये, तीन महीना से ऊपर जेल में रहनेवालों को पांच हजार रुपये और छह महीना से ऊपर जेल की सजा काटनेवालों को सात हजार रुपये पेंशन मिलती रही है. पुष्कर महतो ने कहा कि कई आंदोनकारी अपने इलाज के लिए इसी राशि पर निर्भर है. बोकारो जिला के 74 वर्षीय विदेशी महतो हृदय रोगी हैं. घाटशिला के 66 वर्षीय संतोष सोरेन भी अस्वस्थ हैं, उन्हें ठंड के मौसम में चलने में भी परेशानी होती है. बोडाम निवासी विश्वजीत प्रमाणिक, घाटशिला के ही अंतू हांसदा, रांची के स्वर्गीय अशोक गोस्वामी की आश्रित नीता गोस्वामी जैसे कई लोग हैं, जिन्हें जनवरी से पेंशन नहीं मिली है, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि पेंशनधारियों की पेंशन नहीं रोकनी है.
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