रांची. केंद्र सरकार की ओर से आवंटित राशि नहीं मिलने के कारण झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल जल योजना पूरी तरह से ठप हो गयी है. अगस्त माह के पहले सप्ताह तक किसी भी नये घर में नल से जल नहीं पहुंचाया गया है. देश में जल जीवन मिशन की योजना 15 अगस्त 2019 को पांच वर्ष के लिए शुरू की गयी थी. कई राज्यों में काम नहीं पूरा होने पर केंद्र सरकार ने वर्ष 2028 तक का विस्तार दिया है. झारखंड में कुल घरों की संख्या 62,53,708 है. इसमें अब तक 34,42,923 घरों तक नल से जल का कनेक्शन दिया गया है, जो लगभग 55 प्रतिशत है. अब भी राज्य की लगभग 45 प्रतिशत आबादी चापानल समेत अन्य प्राकृतिक जलस्रोत पर आश्रित है. झारखंड में कुल गांव 29,398 हैं. इसमें से 2,702 गांव के हर घर में नल से जल पहुंचाने का दावा किया गया है. वहीं 101 पंचायतों में भी सभी घरों में नल से जल पहुंचाने का दावा किया गया है. केंद्र सरकार की ओर से पिछले वर्ष सिर्फ 70 करोड़ रुपये रिलीज किये गये. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक केंद्र सरकार की ओर से इस योजना में कोई राशि नहीं मिली है. इसका असर योजना पर पड़ा है. सरकार की ओर से चालू वित्तीय वर्ष में 12 लाख घरों तक लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लेकिन चार माह में 11,809 घरों में कनेक्शन दिया गया है. यह निर्धारित का एक प्रतिशत भी नहीं है. अप्रैल माह में सिर्फ 5,985 में नया कनेक्शन दिया गया. इसके बाद से लगातार संख्या घट रही है. मई में 4,398, जून में 1,053 और जुलाई माह में 373 घरों में नल से जल का कनेक्शन दिया गया है.
अब तक 12,218 करोड़ रुपये हो चुके हैं खर्च
जल जीवन मिशन में अब तक 12,218.97 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 5,703.28 करोड़ और राज्य की हिस्सेदारी 6,515.19 करोड़ रुपये है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मुलाकात कर इस योजना को पूरा करने के लिए 6,500 करोड़ रुपये की मांग की है. झारखंड में जल जीवन मिशन की 95,535 योजनाएं शुरू की गयी हैं. इसमें से आधी से अधिक योजनाओं पर काम चल रहा है. झारखंड नल जल योजना की कुल प्राक्कलित राशि 24,636 करोड़ रुपये है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

