रांची.
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने विधायकों से सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करने का आह्वान किया. झारखंड विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित रजत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र में जनता द्वारा चुने गये विधायक न केवल राज्य में कानून निर्माण प्रक्रिया के महत्वपूर्ण अंग होते हैं, बल्कि वे जनता और सरकार के बीच एक सशक्त सेतु की भूमिका भी निभाते हैं. विधानसभा राज्य के विकास की दिशा निर्धारित करती है. जनता की आकांक्षाओं को स्वर देती है. मौके पर सरकार के मंत्री, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक समेत विधानसभा के अधिकारी व कर्मी मौजूद थे. राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा का सत्र केवल बहस का मंच नहीं, बल्कि नीति-निर्धारण का मुख्य केंद्र है. जनप्रतिनिधि का दायित्व जनता के विश्वास को बनाये रखना है. जनता द्वारा दिया गया अधिकार सेवा का अवसर है, सत्ता का साधन नहीं. विधायकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी योजनाओं का लाभ राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. विधानसभा की गरिमा बनाये रखना, संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए स्वस्थ और सार्थक बहस करना जनप्रतिनिधि का कर्तव्य है. लोकतंत्र स्वस्थ चर्चा से मजबूत होता है, टकराव से नहीं. राज्यपाल ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का उद्देश्य जन कल्याण और राज्य का विकास होना चाहिए. विधायक स्वस्थ, तथ्यपूर्ण, शालीन और रचनात्मक संवाद की संस्कृति आगे बढ़ायें. जनता का विश्वास सुदृढ़ करने के साथ राज्य के विकास की गति भी तेज करें. शालीन व्यवहार, विकास कार्यों की निगरानी और जन सरोकार के साथ काम करें.क्षेत्र के विकास को ही अपना कर्तव्य माना
उन्होंने बताया कि वे स्वयं बरेली से आठ बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए. उन्होंने क्षेत्र के विकास और लोगों की समस्याओं के समाधान को ही अपना कर्तव्य माना. कभी यह नहीं देखा कि किसने वोट दिया और किसने नहीं. यही वजह से जनता ने हमेशा उन पर विश्वास किया. राज्यपाल ने झारखंड गठन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद किया. कहा : जन आकांक्षाओं व क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से लिये गये ऐतिहासिक निर्णय के समय मैं केंद्रीय मंत्रिपरिषद का सदस्य था. लोकसभा सदस्य के रूप में राज्य गठन के पक्ष में वोट देकर निर्णय का सहभागी रहा.25 वर्षों की यात्रा में विधानसभा ने संवाद, सहमति व जनहित को सर्वोपरि रखा : स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि 15 नवंबर 2000 को प्राप्त पहचान आज 25 वर्षों की लंबी यात्रा पूरी कर चुकी है. झारखंड केवल भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, भाषाई और भावनात्मक अस्मिता का प्रतीक है. स्पीकर ने झारखंड आंदोलन के महानायक शिबू सोरेन को याद करते हुए कहा कि उनका योगदान केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को जगाने वाला था. उन्होंने जल, जंगल व जमीन की सुरक्षा तथा समानता पर आधारित समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया. कहा : भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, फूलो-झानो, नीलांबर-पीतांबर जैसे अनेक बलिदानियों की परंपरा ने झारखंड को मजबूत पहचान दी है. श्री महतो ने कहा कि झारखंड विधानसभा ने 25 वर्षों की यात्रा में संवाद, सहमति और जन सरोकारों को सर्वोपरि रखा. यहां मतभेद तो रहे, पर मनभेद नहीं होने दिये गये. नीतियों का लक्ष्य हमेशा जनता के हित और सामाजिक न्याय की स्थापना रहा. कहा : लोकतंत्र का अर्थ केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि विश्वास, व्यवहार और जवाबदेही में सुधार लाना है. विधानसभा ने तकनीकी बदलाव, पारदर्शिता और जनभागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार कार्य किया है.कानून व्यवस्था के लिए जीरो टॉलरेंस पर करना होगा काम : बाबूलाल
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था होनी चाहिए, वह दिखती नहीं है. इस पर पूरी ताकत लगाने की जरूरत है. कानून व्यवस्था ठीक होनी चाहिए. अगर ठीक नहीं होगी, तो लोग भयभीत रहेंगे. पूंजी निवेश नहीं होगा. कानून व्यवस्था के लिए जीरो टॉलरेंस पर काम करना होगा. झारखंड में जो क्षमता है, यह अगले 25 साल के पहले ही विकसित राज्यों की कतार में आ जायेगा. उन्होंने कहा कि बच्चों के क्वालिटी एजुकेशन पर चिंता करना चाहिए. गरीब से गरीब को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलना चाहिए. तभी झारखंड की नींव मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारी पिक एंड चूज कर लोगों से मिला करते हैं. सरकार को सबका सहयोग लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि 25 साल में कई राजनीतिक उतार-चढ़ावा देखे. झारखंड आंदोलन के पीछे लक्ष्य था कि सत्ता में भागीदारी मिले. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग राज्य के गठन के सपने को साकार किया. पूरी तरह से राजनीतिक सत्ता का हस्तांतरण किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

