रांची. झारखंड में खरीफ विपणन मौसम 2024-25 में किसानों से धान की खरीद 30 अप्रैल को समाप्त हो गयी. साढ़े चार माह में सरकार ने 58,860 किसानों से 40.08 लाख क्विंटल धान की खरीदारी की है. धान खरीद के एवज में सरकार की किसानों पर 962.10 करोड़ रुपये की देनदारी बनती है, लेकिन अब भी मिलरों के पास लगभग आठ लाख क्विंटल धान पड़ा हुआ है. इसकी वजह से किसानों के बीच अब तक 667.42 करोड़ का ही भुगतान हो पाया है. किसानों का सरकार के पास अब भी 294.68 करोड़ रुपये बकाया है. पहली किस्त के रूप में 55,230 किसानों के बीच 420.79 करोड़ रुपये व दूसरी किस्त के रूप में 30,276 किसानों के बीच 226.26 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. वहीं 29,749 किसानों को दूसरी किस्त के साथ-साथ बोनस की राशि का भुगतान किया गया है. केंद्र सरकार ने इस बार साधारण धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान की दर 2310 रुपये तय की थी. इसमें राज्य सरकार की ओर से प्रति क्विंटल 100 रुपये का बोनस दिया जा रहा है. ऐसे में किसानों से साधारण धान की खरीदारी पर 2400 रुपये प्रति क्विंटल राशि के भुगतान का प्रावधान है. सरकार की ओर से धान खरीद को लेकर 60 लाख क्विंटल का लक्ष्य तय किया गया है. लेकिन निर्धारित लक्ष्य के लगभग 69 प्रतिशत ही खरीदारी हो पायी है. सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की आधी राशि का भुगतान धान खरीद के समय किया जा रहा है. कहा गया है कि दूसरी किस्त व बोनस की राशि का भुगतान राइस मिलरों से चावल आने के बाद किया जायेगा.
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