16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

प्रवासी पक्षियों से गुलजार होने लगे जलाशय, हर साल 25-30 हजार पक्षी आते हैं झारखंड

Migrant Birds in Jharkhand: साहिबगंज के उधवा अभ्यारण्य प्रवासी पक्षियों के लिए पसंदीदा जगहों में एक है. इस 565 हेक्टेयर के अभ्यारण्य में गंगा नदी 2 दो प्राकृतिक अप्रवाही झीलें हैं, जिनमें पटौरा और बरहले शामिल हैं. साहिबगंज के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) प्रबल गर्ग कहते हैं कि यह झारखंड का एकमात्र रामसर स्थल है. यह लगभग 160 पक्षी प्रजातियों का घर है.

Migrant Birds in Jharkhand: झारखंड में तापमान में गिरावट के साथ ही प्रवासी पक्षी जलाशयों की ओर रुख कर रहे हैं. पक्षियों की चहचहाहट एवं रंगीन दृश्यों से पक्षी प्रेमी झीलों की ओर आने लगे हैं. ये मेहमान पक्षी उन्हें आकर्षित कर रहे हैं. हर साल की तरह, इस बार भी हजारों प्रवासी पक्षी अपने मूल क्षेत्रों पर पड़ रहे अत्यधिक ठंड से बचने के लिए झारखंड को अपना शीतकालीन ठिकाना बना रहे हैं.

अत्यधिक ठंड से बचने के लिए झारखंड आते हैं प्रवासी पक्षी

एशियाई जलपक्षी गणना (एडब्ल्यूसी) के झारखंड समन्वयक सत्य प्रकाश ने को बताया कि ये पक्षी भोजन के लिए और मध्य एशिया, हिमालयी क्षेत्र, मंगोलिया और तिब्बती पठार में पड़ने वाली अत्यधिक ठंड से खुद को बचाने के लिए झारखंड में सर्दियों के मौसम में बांधों, झीलों, नदियों और अभ्यारण्यों जैसे विभिन्न जलाशयों में शरण लेते हैं.

Migrant Birds in Jharkhand: पक्षी इन झीलों को बनाते हैं अपना आशियाना

सत्य प्रकाश ने बताया कि राजधानी रांची से सटे रामगढ़ जिले के पतरातू बांध, साहिबगंज के उधवा झील पक्षी अभ्यारण्य, तोपचांची झील, तिलैया और मैथन डैम (धनबाद), कांके और रुक्का डैम (रांची) के अलावा जमशेदपुर के प्रसिद्ध डिमना लेक, चतरा के बास्का झील और अन्य जल निकायों में प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया है.

साहिबगंज में है झारखंड का एकमात्र रामसर साइट

सत्या ने बताया कि साहिबगंज के उधवा अभ्यारण्य प्रवासी पक्षियों के लिए पसंदीदा जगहों में एक है. इस 565 हेक्टेयर के अभ्यारण्य में गंगा नदी 2 दो प्राकृतिक अप्रवाही झीलें हैं, जिनमें पटौरा और बरहले शामिल हैं. साहिबगंज के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) प्रबल गर्ग कहते हैं कि यह झारखंड का एकमात्र रामसर स्थल है. यह लगभग 160 पक्षी प्रजातियों का घर है.

प्रदेश की प्रकृति में रंग भरते हैं ये पक्षी

उन्होंने कहा कि सर्दियों में सबसे ज्यादा आने वाले पक्षियों में काला धारीदार हंस, धारीदार बत्तख, मुर्गाबी, कलहंस, गैडवॉल, गुरगल बत्तख और लाल चोंच एवं लाल कलगी वाली बत्तख शामिल हैं, जबकि लाल अंजन, घोंघिल, लिटिल ग्रेब और कौड़िल्ला अभ्यारण्य की साल भर की पक्षी विविधता में योगदान करते हैं.

वन सुरक्षा समिति को वन विभाग ने किया सक्रिय

विशेषज्ञ कहते हैं कि हर साल लगभग 25,000 से 30,000 प्रवासी पक्षी राज्य के जलाशयों में आते हैं. वन विभाग ने प्रभागीय वन अधिकारियों को वन सुरक्षा समितियों को सक्रिय करने को कहा गया है, जो जलाशयों में गतिविधियों की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता चलने पर तुरंत वन अधिकारियों को सूचित करने के को भी कहा गया है.

इसे भी पढ़ें

25 हजार से अधिक प्रवासी पक्षी पहुंचे उधवा झील आश्रयणी

पर्यटकों का मन मोह रहे हैं पतरातू डैम पहुंचे प्रवासी पक्षी

रांची में नजर आये लुप्तप्राय प्रवासी पक्षी, जलाशय हुआ गुलजार

Ranchi News : विदेशी पक्षी बने झारखंडी मेहमान

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel