रांची: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राज्य कार्यालय के सभागार में शहीद मजरुल हसन खान का 53वां शहादत दिवस मनाया गया. इस अवसर पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. शहीद मजरुल हसन खान 1972 में रामगढ़ विधानसभा से निर्वाचित हुए थे. पटना विधायक आवास के फ्लैट नंबर-302 में शपथ लेने से पहले ही उनकी हत्या कर दी गयी थी. उस वक्त संयुक्त बिहार में महाजनी जुल्म चरम पर था. महाजनों के आतंक के खिलाफ वह लगातार लड़ाई लड़ रहे थे. एक बड़े जमींदार के परिवार से होते हुए सुख-सुविधाओं का त्याग कर उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का झंडा थाम लिया था और शोषण-जुल्म के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे.
जेल में रहते हुए उन्होंने जीता था चुनाव
मजरुल हसन खान ने हजारीबाग सेंट्रल जेल में रहते हुए चुनाव में जीत हासिल की थी. पार्टी ने उन्हें जरीडीह विधानसभा एवं रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था. एक जगह को छोड़कर दूसरे जगह रामगढ़ से उन्होंने जीत हासिल की थी, लेकिन शपथ लेने से पहले ही बिहार की राजधानी पटना में उनकी हत्या कर दी गयी थी. उनकी याद में पार्टी ने कई जिलों में मंजूर भवन के नाम से कार्यालय का निर्माण कराया.
पढ़ें प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी: क्या चाहता है भारत का मुसलमान ? क्यों शिक्षा के क्षेत्र में वह अब भी है सबसे निचले पायदान पर
शहादत दिवस पर इन्होंने दी श्रद्धांजलि
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, राष्ट्रीय परिषद के सदस्य पीके पांडे, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य जैनेंद्र कुमार भंते, जिला सचिव अजय कुमार सिंह, एटक के राज्य माहासचिव अशोक यादव, युवा नेता संतोष कुमार रजक, कैमरून निशा, आरती कुमारी, किरण कुमारी, इसाक अंसारी, अनिरुल्लाह अंसारी, आदिल खान समेत अन्य ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
पढ़ें प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी: Donald Trump: दो सौ साल पुराने एलियन एनिमीज एक्ट 1798 से चर्चा में डोनाल्ड ट्रंप