Madhu Koda Case: रांची, राणा प्रताप-झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की ओर से दायर क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी और सीबीआई का पक्ष सुना. इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने प्रार्थी मधु कोड़ा को राहत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी. इसके साथ ही निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा.
झारखंड हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से किया इनकार
झारखंड हाईकोर्ट ने माना कि निचली अदालत के आदेश में कोई अवैधता नहीं थी और डिस्चार्ज के चरण में साक्ष्य की स्वीकार्यता या गुण-दोष से संबंधित मुद्दों पर विचार नहीं किया जा सकता है. विनय त्यागी बनाम इरशाद अली केस में स्थापित सिद्धांत पर भरोसा करते हुए अदालत ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. इससे निचली अदालत में मुकदमे को जारी रखने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. मधु कोड़ा की याचिका खारिज हो जाने के बाद अब इस मामले में उनके खिलाफ निचली अदालत में ट्रायल चलेगा. पूर्व में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर ट्रायल पर रोक लगा दी थी.
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मुंबई में 11.40 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर उच्च पद का दुरुपयोग करते हुए हैदराबाद की बिजली कंपनी आइवीआरसीएल के निदेशक डीके श्रीवास्तव से मुंबई में 11.40 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप सीबीआई ने लगाया है. इसके साथ ही कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए उसे गढ़वा, पलामू, लातेहार सहित छह जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण करने का टेंडर भी दिया गया था. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले में मधु कोड़ा को 30 जुलाई 2013 को जमानत मिली थी.
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