Liquor Scam: शराब घोटाला मामले में आइएएस विनय चौबे के खिलाफ 90 दिनों की समय सीमा पूरी होने के बाद भी एसीबी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी. इस मुद्दे पर अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर साजिश का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि एसीबी ने जानबूझकर 90 दिनों के भीतर भी चार्जशीट दाखिल नहीं की, जिससे उनकी जमानत का रास्ता आसान हो गया.
सरकार ने रचा गिरफ्तारी का षड्यंत्र- बाबूलाल मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने कहा, तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में हेमंत सोरेन के पूर्व सचिव के खिलाफ एसीबी ने जानबूझकर 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की, जिससे उनकी जमानत का रास्ता आसान हो गया. दरअसल हेमंत सरकार ने अपने ही पूर्व सचिव की गिरफ्तारी का षड्यंत्र इसलिए रचा था, ताकि ईडी की जांच प्रभावित हो सके और सबूतों को मिटाया जा सके.
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20 मई को गिरफ्तार हुए थे विनय चौबे
जानकारी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति का आदेश नहीं मिलने के कारण विनय चौबे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी. मालूम हो शराब घोटाला मामले में विनय चौबे को एसीबी ने 20 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. कल 18 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी का 91वां दिन पूरा हो गया. गौरतलब है कि किसी भी मामले में आरोपी के जेल में रहते हुए जांच अधिकारी को 60 या 90 दिनों में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करनी होती है.
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