रांची : रिम्स में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजाें के लिए कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है, जिसमें मरीज को भर्ती करने और इलाज करने की व्यवस्था है. टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें अलग-अलग डॉक्टरों को जिम्मेदारी दी गयी है. सीनियर व जूनियर डॉक्टर लगे हुए हैं. लेकिन इन सबके बीच प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (पीएसएम) के डॉ देवेश कुमार असली हीरो हैं. संक्रमित मरीज के आने से पहले डॉक्टर, नर्स और ड्राइवर तक को प्रशिक्षित करते हैं.
काउंसेलिंग और मॉनिटरिंग की है जिम्मेदारी : डॉ देवेश पर संक्रमित मरीज की काउंसेलिंग और मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी है. वह 31 मार्च को कोरोना से संक्रमित पहली मरीज मलेशियन महिला काे एंबुलेंस से उतारने व उसको वार्ड तक पहुंचाने के लिए खुद आगे आये. वह संक्रमित महिला के वार्ड में जाकर उसकी व्यवस्था देखते हैं. उससे बात कर वार्ड में मिल रही व्यवस्था की जानकारी लेते हैं.
दिनभर कोविड-19 अस्पताल में समय गुजारते हैं. सीनियर और जूनियर डॉक्टर से को-ऑर्डिनेशन बनाते हैं. वह कहते हैं-मरीजों की सेवा करना हम डॉक्टरों का कर्तव्य है. काेरोना महामारी में हमारा कर्तव्य है. इससे समाज को फायदा मिलेगा. घर वालों की चिंता रहती है, लेेकिन उनको समझाता हूं कि कुछ दिनों की बात है. सब ठीक हो जायेगा