रांची प्रेस क्लब में रखी अपनी बात रांची. मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग झारखंड की ओर से ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की पहली बैठक में ट्रासजेंडर समुदाय के शामिल नहीं हो पाने पर समुदाय में नाराजगी है. बोर्ड की बैठक में दो ट्रांसजेंडर प्रतिनिधियों का चयन हुआ है. ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य सुनैना जो धनबाद से हैं, वहीं अमरजीत जमशेदपुर से हैं. दोनों अपने सामुदायिक के लिए कार्य करती हैं. दाेनों दस मिनट देर से पहुंचने पर बैठक में शामिल नहीं हाे पायीं. इस पर ट्रांसजेंडर समुदाय ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से कहा बैठक में दस मिनट देर से पहुंचने पर अधिकारियों ने उन्हें कहा कि बैठक हाे चुकी है. बताया कि मीटिंग में किसी तरह का एजेंडा पर काम नहीं हुआ और ना ही मीटिंग मिनट्स बना. इस पर किन्नर समुदाय काफी नाराज है. समुदाय ने कहा कि 10 मिनट की देरी में उनके 10 साल की मेहनत को विफल कर दिया. बताया कि नालसा जजमेंट 2014 को आयी थी, 2014 में ही नालसा ने सभी राज्य सरकारों को ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने का आदेश दिया. अमरजीत ने कहा कि रांची हाइकोर्ट में पीआइएल दर्ज कराया . कोर्ट के फैसले के बाद ही ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बना. मंगलवार को बोर्ड की पहली बैठक होनी थी. बताया कि पुलिस महानिदेशक, झारखंड, सभी अपर मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव / सचिव, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, झारखंड योजना एवं विकास विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाती, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, श्रम नियोजन एवं कौशल विकास विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग, सचिव, झारखंड राज्य मानवाधिकार आयोग और तृतीय लिंग समुदाय के दो व्यक्तियों के साथ यह बैठक होनी थी, परंतु इस बैठक में चंद कुछ लोगों के साथ ही मिलकर के सिर्फ 10 मिनट के अंदर में सारी मीटिंग को कर लिया गया. बताया कि समुदाय को निराश किया गया, यह समुदाय के लिए बहुत बड़ा दिन था, जहां पर उनकी योजनाओं के लिए बात होनी थी.
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