रांची. मार्केटिंग बोर्ड द्वारा फिर से कृषि उत्पाद पर बाजार शुल्क लगाने की कवायद शुरू किये जाने पर झारखंड चेंबर ने कड़ी आपत्ति जतायी है. बाजार समिति के इस निर्णय का विरोध करते हुए मंगलवार को झारखंड चेंबर के पदाधिकारियों ने चेंबर भवन में बैठक की. चेंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी और पूर्व अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने संयुक्त रूप से कहा कि झारखंड की बाजार समितियों में आज तक कृषकों को उनकी उपज लाने और बेचने के साथ भंडारण और किसानों को सुविधा देने का कोई काम नहीं किया गया है. एकीकृत बिहार के जमाने से चल रही बाजार समितियों द्वारा किसानों को विपणन सुविधा नहीं दी गयी और न ही किसानों के उपज के लिए कोई बाजार व्यवस्था की गयी है, जिसके लिए बाजार समिति की स्थापना की गयी थी. अन्य राज्यों से आयातित चावल, दाल, तेल और अन्य खाद्य सामग्रियों पर बाजार शुल्क की वसूली का निर्णय जनविरोधी है. झारखंड की बाजार समितियों का एकमात्र उद्देश्य व्यापारियों के थोक खाद्यान्न व्यापार पर टैक्स लेना और उनका भयादोहन करना है.
किसानों की समस्या से कोई सरोकार नहीं
सदस्यों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के एजेंडे में कृषकों का हित और उनका उत्थान प्राथमिकता में रहा है. इसके बाद भी झारखंड में किसान विरोधी नीतियों को लागू कराने का प्रयास किया जा रहा है. झारखंड की बाजार समितियों को किसानों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है. मौके पर महासचिव आदित्य मल्होत्रा, रोहित अग्रवाल, अमित शर्मा, संजय अखौरी, प्रमोद सारस्वत, शशांक भारद्वाज, सीए महेंद्र जैन, मनोज मिश्रा, तेजविंदर सिंह उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है