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एथलीट अंजलि को दी गयी श्रद्धांजलि, कैडेट‍्स ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग, परिजनों का JSSPS पर गंभीर आरोप

झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएसपीएस) की प्रशिक्षु एथलीट अंजलि उरांव की रविवार को मौत हो गयी थी. जिसके बाद बालक व बालिका प्रशिक्षु सही जानकारी नहीं मिलने पर रात को हॉस्टल से बाहर निकल गये.

रविवार को बालिका खिलाड़ी अंजलि उरांव की मौत और रात में हंगामे की घटना के बाद सोमवार को सुबह से ही खेलगांव के एकलव्य हॉस्टल में प्रशिक्षु खिलाड़ियों के परिजन पहुंचने लगे. दिन के 12.30 बजे तक आसपास के कई परिजन हॉस्टल के पास जुट गये और अपने बच्चों से मिलने की मांग करने लगे. इस पर उन्हें उनके बच्चों से मिलवाया गया. वहीं कैडेट उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे थे और अपनी साथी खिलाड़ी अंजलि को इंसाफ दिलवाने की मांग पर अड़े थे.

इस दौरान सीसीएल के कई बड़े अधिकारी भी वहां पहुंचे और कैडेट्स को समझाने की कोशिश की. वहीं खेल निदेशालय की टीम भी हॉस्टल पहुंची. यहां बताते चलें कि झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएसपीएस) की प्रशिक्षु एथलीट अंजलि उरांव की रविवार को मौत हो गयी थी. जिसके बाद बालक व बालिका प्रशिक्षु सही जानकारी नहीं मिलने पर रात को हॉस्टल से बाहर निकल गये. उन्होंने जेएसएसपीएस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया था और रात में वापस उन्हें हॉस्टल भेजा गया.

क्यों नहीं अंजलि को रिम्स ले गये

कैडेटों के परिजनों ने जेएसएसपीएस प्रबंधन पर आरोप लगाया कि यह पूरी तरह लापरवाही का मामला है. अगर अंजलि की तबीयत खराब थी, तो उसे रिम्स क्यों नहीं ले जाया गया. 12 किमी दूर गांधीनगर अस्पताल क्यों ले जाया गया? वहीं जब दो दिन से उसकी तबीयत खराब थी, तो उसका बेहतर इलाज क्यों नहीं कराया गया. परिजनों ने सवाल किया कि हमारे बच्चे क्या गुंडा हैं, जिन पर लाठी चलाकर सर फोड़ दिया गया.

कैडेट्स का कहना था कि क्या अंजलि को इंसाफ मिलेगा. सीसीएल के अधिकारी अलोक कुमार ने कहा कि आप लोग चिंता नहीं करें. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि अंजलि की मौत की वजह क्या है. बालिका हॉस्टल की वार्डन बी तिग्गा का कहना था कि हम अंजलि पर नजर रखे हुए थे, लेकिन अचानक इतनी जल्दी सबकुछ हो जायेगा, इसका पता किसी को नहीं था. हम लोग हमेशा से यहां डॉक्टर की मांग करते हैं, लेकिन उसकी यहां व्यवस्था नहीं की जाती है.

उग्र थे कैडेट, दी श्रद्धांजलि और तब खाया खाना

अपने साथी खिलाड़ी की मौत से सभी बालक व बालिका कैडेट उग्र हो गये थे. पुलिस द्वारा जब उन्हें समझाने की कोशिश की गयी, तो उन्होंने उनसे धक्का-मुक्की की. एक कैडेट ने कहा कि आज समझा रहे हैं और कल हम लोगों पर लाठी चला रहे थे. वहीं एक पुराने कैडेट ने कहा कि पहले तो ऐसी व्यवस्था नहीं थी और कैडेट पर पूरा ध्यान दिया जाता था. अब ऐसा क्या हो गया कि बच्चों की तबीयत खराब हो जाती है और उनका इलाज नहीं किया जाता है.

वहीं कैडेटों और अधिकारियों ने अंजलि की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद सभी कैडेटों ने खाना खाया. वहीं अंजलि की बड़ी बहन किरण कुमारी ने कहा कि हमें तो कुछ बताया ही नहीं गया था. सुबह में फोन आया कि तबीयत खराब है और यहां आने पर पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है. दो दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी, तो उसकी तबीयत ठीक थी.

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