:::: झारखंडी माटी, हीरा मोती सोना लागे रे…
स्थापना दिवस से पहले चौक-चौराहों पर थिरका झारखंड, स्ट्रीट डांस से झलकी झारखंडी संस्कृति, राहगीर भी झूमे
झारखंडी रंग में रंगा शहर, गीतों में गूंजी पहचान, नृत्य में झलका गौरव
लाइफ रिपोर्टर @ रांचीमाटी आपन माटी झारखंडी माटी… हीरा मोती सोना लागे रे…जैसे ही झारखंड की लोकप्रिय गायिका मोनिका मुंडू की आवाज फिरायालाल चौक पर गूंजी, सड़क से गुजरते लोगों के कदम अपने आप ठहर गये. यह गीत सिर्फ एक धुन नहीं था यह झारखंड की आत्मा की पुकार थी. गीत के बोल बढ़ते गये और भीड़ भी उमड़ती गयी. कुछ ने वीडियो बनाया, कुछ ने ताली बजायी और कुछ के चेहरे पर बस एक गर्वभरी मुस्कान थी. सड़क किनारे सजी रंगीन स्टेज पर लाल पाड़ साड़ी में सजी कलाकारों ने जब नृत्य की शुरुआत की, तो पूरा चौक झारखंडी रंग में रंग गया. यह दृश्य था झारखंड स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित स्ट्रीट डांस कार्यक्रम का, जिसने राजधानी को लोक-संस्कृति की झंकार से भर दिया. फिरायालाल चौक, करमटोली चौक, वेंडर मार्केट कचहरी रोड आदि कई जगहों पर यह कार्यक्रम हुआ. झारखंड के जाने-माने कलाकार मोनिका मुंडू, दिनेश देवा, एंजेल लकड़ा, सुमन गाड़ी, सिकंदर नायक, इंद्रजीत सिंह, नमिता सिंह आदि कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी.
नृत्य के माध्यम से दी संस्कृति अपनाने की सीख
फिरायालाल चौक पर इंद्रजीत सिंह और नमिता सिंह के नेतृत्व में प्रस्तुत नृत्य में संदेश साफ था कि हमारे पुरखों ने संघर्ष कर यह राज्य बनाया, अब हमारी जिम्मेदारी है इसे बचाने और संवारने की. भूमि बैंड के कलाकारों ने जब गाया मडुवा रोटी खाये-खाये, राज्य लागीन जान देलंय… तो हर झारखंडी हृदय में एक कंपन-सा उठा. गीतों की लय पर झूमते लोग, तालियां बजाते दर्शक और मंच पर झूमते कलाकार यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं था, यह झारखंडी अस्मिता का उत्सव था.नागपुरी गीतों और रैप में झलकी झारखंड की झलक
करमटोली चौक में युवा कलाकार मैक्स ने रैप के जरिए झारखंड की सुंदरता को नये अंदाज में पेश किया. वहीं, एंजेल लकड़ा और उनकी 14 सदस्यीय टीम ने नागपुरी गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को झारखंडी जोश से भर दिया. गायिका सुमन गाड़ी ने जब अपनी मधुर आवाज में पारंपरिक गीत गाये, तो लगा जैसे पहाड़, जंगल और नदियां भी लय में थिरक रही हों.दिनेश देवा की प्रस्तुति पर झूम उठा वेंडर मार्केट
कचहरी रोड वेंडर मार्केट के पास भी झारखंडी उमंग का वही रंग बिखरा रहा. झारखंड के प्रसिद्ध कलाकार दिनेश देवा ने चल तो गुइया रे…, हाथे संखा चुड़ी…, हरियर दिशे ला… जैसे गीतों पर अपनी नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया. वहीं, सिकंदर नायक के नागपुरी गीतों ने भी श्रोताओं के दिलों को छू लिया.बिरसा चौक पर गूंजे ‘बिरसा के घर अंगना में…
बिरसा चौक पर आयोजित स्ट्रीट डांस कार्यक्रम में जैसे ही नगाड़ों की थाप और मृदंग की ताल बजी, मंच पर रंगीन पारंपरिक पोशाकों में कलाकारों ने प्रवेश किया. बिरसा के घर अंगना में, पधारो मेरे झारखंड में… गीत पर जब रमन और अंकिता भेंगरा एंड ग्रुप ने पारंपरिक नागपुरी नृत्य प्रस्तुत किया, तो चौक तालियों से गूंज उठा. रमन ने बताया हमने नागपुरी गीत और नृत्य के जरिए झारखंड की कला और संस्कृति को दर्शाने का प्रयास किया है. यह हमारे राज्य की पहचान है. राहगीरों के अनुरोध पर कलाकारों ने मोर अठरा साल होइ गेलेक रे… और स्कूल के टेम पे…जैसे लोकप्रिय गीतों पर भी जबरदस्त नृत्य किया. दर्शक न केवल झूमे, बल्कि सैकड़ों लोगों ने मोबाइल कैमरे से इस क्षण को रिकॉर्ड किया.रांची रेलवे स्टेशन पर लोक-संस्कृति का जश्न
स्थापना दिवस के अवसर पर रांची रेलवे स्टेशन भी झारखंडी सुरों से सराबोर रहा. यहां रांची और धनबाद के कलाकारों ने संयुक्त रूप से झारखंड की लोककला का अद्भुत प्रदर्शन किया. कैलाश जैक्सन एंड ग्रुप ने नागपुरी गीतों पर पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर यात्रियों को थिरकने पर विवश कर दिया. धनबाद से आये मिलन दास एंड ग्रुप ने झारखंडी जवान… गीत से मंच को जोश से भर दिया. वहीं, ज्योति और पार्वती किस्पोट्टा के प्रज्वलित ग्रुप ने धन धान्य मोर छोटानागपुर… और झारखंड कर माटी… जैसे गीतों पर शानदार प्रस्तुति दी. सुनैना एंड ग्रुप ने जब ऊंचा-नीचा पहाड़ पर्वत… गीत गाया, तो रेलवे स्टेशन पर मौजूद हर कोई कुछ पल के लिए थम गया.कलाकारों संग सेल्फी और ब्लॉग का क्रेज
सड़क किनारे झुंड बनाकर खड़े लोग, कलाकारों के साथ सेल्फी लेते युवा, मुस्कुराते बच्चे और बुजुर्गों के चेहरे पर संतोष की झलक यह सब मिलकर एक ही बात कह रहे थे यह उत्सव सिर्फ स्थापना दिवस का नहीं, हमारी पहचान का है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

