Jharkhand Village: रांची-नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्डी एंड रिसर्च इन लॉ, रांची (एनयूएसआरएल) में समाजशास्त्र पाठ्यक्रम के तहत द्वितीय वर्ष के छात्रों को रांची जिले के कांके प्रखंड के दो गांवों का दौरा कराया गया. सहायक रजिस्ट्रार और शिक्षक डॉ जीसु केतन पटनायक ने छात्रों के साथ कांके प्रखंड मुरूम और कुम्हरिया गांव का दौरा किया. उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ प्रो अशोक आर पाटिल यह बात समझते हैं कि क्लास रूम के साथ- साथ ग्राउंड के ताजा हालात को समझाना छात्रों के लिए जरूरी है. उनकी योजना गांव के हालात को समझना, छात्रों को समझाना और उस पूरी समझ पर एक डिटेल्स रिपोर्ट तैयार करना है, जिसे राज्य सरकार के साथ साझा किया जाएगा.
क्लास रूम में बाहर जाकर जानी जमीनी हकीकत
डॉ जीसु केतन पटनायक ने कहा कि दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण में छात्रों ने ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, गांव में फैली कुप्रथा, सामाजिक व्यवस्था, शासन व्यवस्था और सरकार द्वारा संचालित ग्रामीण विकास योजनाओं की वास्तविक स्थिति की प्रत्यक्ष जानकारी जुटायी है. इस दौरान छात्रों ने गांव में रहने वाले लोगों से कई सवाल पूछे. छात्रों के लिए भी यह एक बेहतरीन मौका था, जब क्लास रूम से बाहर निकलकर उन्हें जमीनी स्थिति को समझने, समस्या की वजह जानने और उनके समाधान पर विचार करने का मौका मिला. यह संवाद छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव साबित हुआ. इसमें उन्होंने ग्रामीण समुदायों की वास्तविक स्थिति और चुनौतियों को नजदीक से समझा.
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तैयार की जा रही है ग्राम विकास रिपोर्ट
प्रत्येक छात्र समूह, जिसमें एक समूह में छह छात्र हैं और हर एक समूह ने किसी एक विशेष क्षेत्र जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, शासन आदि पर केंद्रित अध्ययन किया और विस्तृत रिपोर्ट तैयार की. इन सभी रिपोर्टों के आधार पर एक समेकित ‘ग्राम विकास रिपोर्ट’ तैयार की जा रही है. इसे राज्य सरकार के साथ साझा किया जाएगा. इस रिपोर्ट में यह विश्लेषण किया जाएगा कि गांव के विकास में कौन-कौन सी बाधाएं हैं. सरकारी योजनाओं की क्या स्थिति है? और किन क्षेत्रों में काम करने की आवश्यकता है.
थिंक टैंक के रूप में काम करने की है योजना
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्डी एंड रिसर्च इन लॉ, रांची एक थिंक टैंक के रूप में काम करने की रणनीति बना रहा है. इस गांव में ऐसे कई मामलों में भी विश्वविद्यालय नि:शुल्क कानूनी सलाह देने की तैयारी में है. इस समुचित रिपोर्ट के बाद गांव में किन क्षेत्रों में काम हुआ और गांव की प्रगति और योजनाओं की स्थिति की निगरानी भी विश्वविद्यालय करता रहेगा. पहल का उद्देश्य न केवल छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान देना है, बल्कि गांव के सतत विकास में सहयोग प्रदान करना भी है.
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