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Jharkhand Rajya Sabha Chunav: राज्यसभा उम्मीदवार बनने के बाद क्या बोली महुआ माजी, जानें उनका राजनीतिक सफर

झामुमो के तरफ से प्रत्याशी बनने के बाद महुआ माजी ने सीएम हेमंत सोरेन, शिबू सोरेन समेत सभी नेताओं का अभार जताया है और कहा है कि पार्टी के इस कदम से महिलाओं में आगे बढ़ने की उम्मीद जगी है

रांची: झामुमो ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी की महिला नेत्री महुआ माजी को प्रत्याशी बना चौंका दिया है. साथ ही राजनीति में अलग संदेश देने का प्रयास किया है. पार्टी की ओर से राज्यसभा का टिकट मिलने पर महुआ माजी ने पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत झामुमो के सभी नेताओं, विधायकों, सांसदों व कार्यकर्ताओं का आभार जताया है.

उन्होंने कहा : पार्टी ने संदेश दिया है कि आधी आबादी पर झामुमो का पूरा ध्यान है. इससे महिलाओं में आगे बढ़ने उम्मीद जगी है. श्रीमती माजी ने कहा कि खुश हूं कि मुझे पार्टी ने इस लायक समझा. मैं 1932 की खतियानधारी हूं. जमीन से जुड़ कर पिछले तीन दशक से काम कर रही हूं. वर्ष 2014 से झामुमो महिला मोर्चा की अध्यक्ष हूं. झामुमो ने महिलाओं को सम्मान देते हुए पिछले 22 साल से चल आ रही परंपरा तोड़ी है.

झामुमो के फैसले से महिलाओं को पंचायत से लेकर संसद तक पहुंचने का सपना मिलेगा. राज्यसभा प्रत्याशी बनने के बाद देश भर से फोन आ रहे हैं. राज्यसभा का टिकट हिंदी की महिला लेखक को मिलने पर सभी खुशी जता रहे हैं.

साहित्य से राजनीति तक

महुआ माजी ने साहित्य से राजनीति में लंबी छलांग लगायी है. ‘मी बोरीशाइल्ला’ और ‘मरंग घोड़ा नीलकंठ हुआ’ जैसे चर्चित उपन्यास को लेकर महुआ माझी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनायी. साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने को लेकर वर्ष 2007 में महुआ माझी को ‘इंटरनेशनल कथा यूके अवार्ड’ से सम्मानित किया गया. इसके बाद इन्हें विश्व हिंदी सेवा सम्मान, फणीश्वरनाथ रेणु अवार्ड, साहित्य सम्मेलन शताब्दी सम्मान, राज्यसभा सम्मान मिला. इनकी किताबों पर दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में शोध हो रहा है.

Posted By: Sameer Oraon

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