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Jharkhand Politics: सोरेन परिवार को पांचवीं बार लगा झटका

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गयी है. यानी इन्हें भी अब कुर्सी छोड़नी पड़ेगी. राज्य की सत्ता के शीर्ष पर अब तक पांच बार सोरेन परिवार पहुंचा है. लेकिन कार्यकाल कभी भी पूरा नहीं किया.

Jharkhand Politics: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गयी है. यानी इन्हें भी अब कुर्सी छोड़नी पड़ेगी. राज्य की सत्ता के शीर्ष पर अब तक पांच बार सोरेन परिवार पहुंचा है. लेकिन कार्यकाल कभी भी पूरा नहीं किया. किसी न किसी वजह से कुर्सी गंवानी पड़ी. यह पांचवीं बार है जब सोरेन परिवार को बड़ा झटका लगा है.

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन तीन बार बने हैं मुख्यमंत्री

हेमंत के पिता और झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. पहली बार दस दिन, दूसरी बार 144 दिन और तीसरी बार 152 दिनों तक वे सीएम रहे. जबकि, हेमंत सोरेन 13 जुलाई 2013 को पहली बार सीएम बने थे. लेकिन 23 दिसंबर 2014 तक ही वे पद पर रह सके. इसके बाद 29 दिसंबर से अब तक दो साल 241 दिनों से वे सीएम हैं. पूर्व सीएम रघुवर दास ने हेमंत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे. खनन पट्टा हासिल करने के लिए पद का दुरुपयोग करने के आरोपों की जांच के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. भाजपा ने ‘ऑफिस ऑफ प्रॉफिट’ का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से मामले में शिकायत की थी. शिबू सोरेन के अलावा सिर्फ अर्जुन मुंडा ही तीन बार सीएम बनें हैं. लेकिन यह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये थे. सिर्फ रघुवर दास ही एक मात्र ऐसे सीएम रहे जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था. एक निर्दलीय के तौर पर मधु कोड़ा भी करीब दो वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे थे.

पहली बार 10 दिन ही सीएम की कुर्सी पर रहे थे शिबू

वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 81 में से 30 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने परचम लहराया था. 17 सीटों पर जेएमएम, नौ पर कांग्रेस, सात पर राजद व छह पर जदयू ने कब्जा जमाया था. जबकि शेष बचे 12 सीटों पर अन्य ने जीत दर्ज की थी. तत्कालीन राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी ने भाजपा व जदयू के एनडीए के पास 36 सीटें हाेने और पांच निर्दलीय विधायकों का समर्थन होने के बावजूद उन्होंने शिबू सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया था. शिबू सोरेन राज्य के सीएम, तो बने गये, लेकिन सदन में बहुमत साबित नहीं करने पर महज 10 दिन बाद ही उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

शिबू के सीएम रहते तमाड़ चुनाव हारने पर चली गयी थी कुर्सी

वर्ष 2005 में राज्य में अर्जुन मुंडा की सरकार बनने पर निर्दलीय विधायकों के पाला बदलने से सरकार गिर गयी थी. मधु कोड़ा मुख्यमंत्री बनाये गये थे. करीब दो साल बाद कोड़ा सरकार गिरने के बाद फिर से शिबू सोरेन सीएम बनाये गये थे. उस वक्त वे सांसद थे. सीएम रहते छह माह में उन्हें विधानसभा चुनाव जीतना था. वे तमाड़ से चुनाव लड़े, लेकिन हार गये. इस वजह से उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी थी. इसके बाद झारखंड में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा था.

केंद्र में यूपीए को समर्थन देने पर नाराज भाजपा ने खींच लिया था हाथ

राष्ट्रपति शासन के दौरान चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा बनी थी. राजनीतिक दावं-पेच में शिबू सोरेन को एक बार फिर से सीएम बनने का मौका मिला था. इन्हें भाजपा, जदयू और आजसू का समर्थन मिला था. उस वक्त बाबूलाल मरांडी के जेवीएम को 11 सीटों मिली थी. लेकिन सीएम रहते शिबू सोरेन ने केंद्र में यूपीए सरकार को समर्थन दे दिया था. इस वजह से एनडीए ने अपना समर्थन वापस ले लिया था और शिबू को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

हेमंत सोरेन को भी छोड़नी पड़ी थी कुर्सी

हेमंत सोरेन 38 साल की उम्र में पहली बार 13 जुलाई, 2013 को झारखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. वह 23 दिसंबर, 2014 तक सीएम की कुर्सी पर काबिज रहे थे. दिसंबर में दुमका चुनाव हारने के बाद हेमंत को सीएम के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

कब कौन रहे मुख्यमंत्री

नाम कब से कब तक अवधि

पहली विधानसभा (वर्ष 2000 का चुनाव)

बाबूलाल मरांडी 15 नवंबर 2000 से 18 मार्च 2003 दो साल 123 दिन

अर्जुन मुंडा 18 मार्च 2003 से दो मार्च 2005 एक साल 349 दिन

दूसरी विधानसभा (2005 चुनाव)

शिबू सोरेन दो मार्च 2005 से 12 मार्च 2005 10 दिन

अर्जुन मुंडा 12 मार्च 2005 से 19 सितंबर 2006 एक साल 191 दिन

मधु कोड़ा 19 सितंबर 2006 से 27 अगस्त 2008 एक साल 343 दिन

शिबू सोरेन 27 अगस्त 2008 से 19 जनवरी 2009 145 दिन

राष्ट्रपति शासन 19 जनवरी 2009 से30 दिसंबर 2009 345 दिन

तीसरी विधानसभा (2009 चुनाव)

शिबू सोरेन 30 दिसंबर 2009 से एक जून 2010 153 दिन

राष्ट्रपति शासन एक जून 2010 से 11 सितंबर 2010 102 दिन

अर्जुन मुंडा 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 दो साल 129 दिन

राष्ट्रपति शासन 18 जनवरी 2013 से 13 जुलाई 2013 176 दिन

हेमंत सोरेन 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 एक साल 168 दिन

चौथी विधानसभा (2014 चुनाव)

रघुवर दास 28 दिसंबर 2014 से 29 दिसंबर 2019 पांच साल एक दिन

पांचवीं विधानसभा (2019 चुनाव)

हेमंत सोरेन 29 दिसंबर से अब तक दो साल 241 दिन

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