रांची.
झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक-2025 राज्य में लागू हो गया है. गजट अधिसूचना के साथ ही यह पूरे राज्य में 12 नवंबर 2025 की तिथि से प्रभावी हो गया है. इस विधेयक से राज्य में नया उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक सरल और सुगम हो गयी है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य राज्य में निवेश को बढ़ाना, छोटे-मंझोले उद्योगों को प्रोत्साहन देना और व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसरों का सृजन करना है. इसके तहत किसी भी व्यक्ति या कंपनी को (जो झारखंड में एमएसएमइ स्थापित करने की इच्छा रखते हैं) अगले तीन वर्षों के लिए उद्योगों की स्थापना और संचालन के लिए आवश्यक अधिकांश अनुमतियों और निरीक्षणों से छूट प्रदान की गयी है. यह छूट उस तारीख से तीन साल तक प्रभावी रहेगी, जब तक उन्हें आवेदन के बाद कंप्यूटर जनित स्वीकृति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हो जाता है या फिर वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की तिथि तक. नये उद्यमों को सरकारी विभागों के चक्कर लगाने और इंस्पेक्टर राज के भय से मुक्ति मिलेगी. झारखंड को देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में से एक बनाने की दिशा में यह विधेयक एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.खास बातें
– उद्योग शुरू करने के इच्छुक व्यक्ति को अब राज्य सरकार की नामित एजेंसी के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत करना होगा. इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा.– नेपाल हाउस सचिवालय स्थित सिंगल विंडो कार्यालय में वैध पहचान पत्र के साथ आवेदन जमा किया जा सकता है.
आवेदन के तुरंत बाद एक कंप्यूटर जनित स्वीकृति प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा. यह प्रमाण पत्र ही तीन साल की छूट अवधि के लिए कानूनी आधार होगा.-इस व्यवस्था से लाइसेंस एवं अनुमतियों से संबंधित सभी सुविधाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी, जिससे समय की बचत होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी.
-औद्योगिक विकास को मिलेगी नयी गति. मॉनिटिरंग के लिए नोडल एजेंसी होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

