रांची (ब्यूरो प्रमुख). भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि दो दिनों से झारखंड संवैधानिक रूप से डीजीपी विहीन है. इतना ही नहीं, झारखंड में एसीबी, सीआइडी,और पुलिस सभी जगह डीजीपी के पद रिक्त हैं. भारत सरकार की ओर से आये निर्देश के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. श्री मरांडी शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
प्रतिपक्ष के नेता श्री मरांडी ने कहा कि इडी के तीन गवाहों को पुलिस केस कर जेल भेजा गया. पूजा सिंघल, छवि रंजन, आलमगीर आलम समेत दस से भी ज्यादा सरकारी लोगों के अभियोजन स्वीकृति का पत्र इडी ने सरकार को भेजा है, लेकिन एक भी मामले में झारखंड सरकार ने अब तक स्वीकृति नहीं दी है. श्री मरांडी ने कहा कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना करके अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया. फिर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सात जनवरी को आनन-फानन में ऑल इंडिया सर्विस रूल्स (1958) को दरकिनार करते हुए सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए एक नयी नियमावली ही बना डाली. यह सिर्फ डीजीपी की नियुक्ति तक ही सीमित नहीं है. एसीबी और सीआइडी का कार्यभार भी गैरकानूनी तरीके से यही संभाल रहे हैं.अनुराग गुप्ता द्वारा लिये जा रहे फैसले कानून सम्मत नहीं
श्री मरांडी ने कहा कि अनुराग गुप्ता जो भी फैसले ले रहे हैं, वह कानूनसम्मत नहीं है. डीजीपी अनुराग गुप्ता पर आरोपों की लंबी लिस्ट है. सरकार अविलंब हटाये. नये डीजीपी की नियुक्ति करें. असंवैधानिक नियुक्ति के संदर्भ में गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार को जो पत्र लिखा है. इसके जवाब में हेमंत सोरेन गृह मंत्रालय को ही पुनर्विचार करने को बोल रहे हैं. सरकार नियमों को ताक पर रखकर संवैधानिक पदों की गरिमा समाप्त कर रही है. झारखंड प्रशासन में वरिष्ठ और योग्य आइपीएस अफसरों की कोई कमी न तो पहले थी, न ही आज है.भ्रष्टाचार व पक्षपात के आरोप लगे हैं अनुराग गुप्ता पर
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा : अनुराग गुप्ता पर भ्रष्टाचार, पक्षपात के आरोप लगे हैं. उन एकीकृत बिहार के मगध यूनिवर्सिटी थाना में केस दर्ज है. श्री मरांडी ने कहा : मेरे मुख्यमंत्रित्व काल के अंतिम दिनों में उस मामले में अभियोजन स्वीकृति के जमाने में बिहार से अनुरोध पत्र भी आया था. उस पर आगे क्या हुआ, इसका मुझे स्मरण में नहीं है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद इन्हें 24 फरवरी 2020 से नौ मई 2022 तक यानि 26 महीने निलंबित रखा था. इसी दौरान सरकार से अनुराग गुप्ता की नजदीकियां बढ़ी और वापस झारखंड में नियुक्ति हो गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है