22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

साहित्यिक क्षेत्र में भी पहचान बनायी थी जस्टिस विक्रमादित्य ने

जस्टिस विक्रमादित्य ने साहित्यिक क्षेत्र में भी पहचान बनायी

रांची : जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद का जन्म छह अक्तूबर 1942 को हुआ था. वह स्व रामेश्वर प्रसाद के पुत्र थे. राजेंद्र श्रीकृष्ण विद्यालय, हवेली खड़गपुर (मुंगेर) से मैट्रिक तथा संत कोलंबस कॉलेज हजारीबाग से बीएससी की डिग्री हासिल की थी. पटना विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री मिलने के बाद उन्होंने 1974 में बिहार न्यायिक सेवा में योगदान दिया.

विभिन्न पदों पर रहते हुए दायित्वों का निर्वहन किया. पटना हाइकोर्ट में रजिस्ट्रार (सतर्कता), रजिस्ट्रार (स्थापना), रजिस्ट्रार (प्रशासन) का पद भी संभाला. वह झारखंड हाइकोर्ट के पहले रजिस्ट्रार जनरल थे. बिहार न्यायिक सेवा संघ के सचिव रहे. उन्होंने अखिल भारतीय न्यायिक सेवा संघ के महासचिव के रूप में कार्य किया. किशोर न्याय के क्षेत्र में कार्य करनेवाली स्वैच्छिक संस्था बाल शिक्षा के संस्थापक अध्यक्ष थे. 28 जनवरी 2002 को जस्टिस प्रसाद को झारखंड हाइकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया.

उन्होंने हिंदी व अग्रेजी में कई लघु कहानियां लिखीं. लघु कहानियों का संग्रह भी प्रकाशित हो चुका है. चिल्ड्रेन एक्ट पर 1982 में जस्टिस प्रसाद ने पुस्तक भी लिखी थी.

अधिवक्ताअों ने जताया शोक:

झारखंड स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल ने जस्टिस प्रसाद के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि उनका निधन अपूरणीय क्षति है. उन्होंने सिर्फ न्यायिक जगत ही नहीं, बल्कि साहित्यिक क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनायी थी. एडवोकेट एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट के कोषाध्यक्ष धीरज कुमार सहित अन्य अधिवक्ताअों ने शोक जताया है.

न्यायिक अधिकारियों की आवाज थे :

जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्ति के बाद कई मामलों की जांच की है. उन्होंने झारखंड विधानसभा में हुई चर्चित नियुक्ति घोटाले की भी जांच की थी. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की नियुक्तियों की भी जांच की जिम्मेवारी जस्टिस प्रसाद को दी गयी थी. राज्य सरकार ने झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग का अध्यक्ष भी बनाया था. वह न्यायिक अधिकारियों की आवाज थे.

झारखंड हिंदी साहित्य संस्कृति मंच शोकाकुल :

झारखंड हिंदी साहित्य संस्कृति मंच ने अपने संरक्षक जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताया है. राकेश रमण ने बताया कि पिछले कई महीनों से वह मंच के पटल पर बेहद सक्रिय थे. नवोदित साहत्यिकारों को भी उनसे प्रेरणा मिल रही थी. साथ ही कभी-कभी उनके कुछ शब्द अवसान का आभास भी करा जाते थे. हालांकि उनकी इस सक्रियता से पूरा मंच बेहद प्रफुल्लित था.

अंजुमन बका ए अदब ने शोक प्रकट किया :

अंजुमन बका ए अदब रांची के अध्यक्ष जेपी मिश्र हैरत फर्रुखाबादी व महासचिव नसीर अफसर ने हिंदी साहित्य और उर्दू अदब के चर्चित व न्यायमूर्ति विक्रमादित्य प्रसाद के निधन पर शोक प्रकट किया है.

झारखंड के सच्चे हितैषी थे विक्रमादित्य प्रसाद :

न्यायमूर्ति विक्रमादित्य प्रसाद सही मायने में झारखंड के सच्चे हितैषी थे़ उन्होंने सशक्त झारखंड की कल्पना की थी़ वनांचल व झारखंड राज्य के आंदोलन में सक्रियता के साथ भाग लेनेवाले लोगों को उनका अधिकार व सम्मानजनक जीवन देने के लिए वे हमेशा चिंतित रहे़ उनके हृदय में झारखंड के सभी लोगों के प्रति सच्ची सद्भावना थी. श्री प्रसाद सभी का हित चाहते थे.अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रणव कुमार बब्बू ने कहा कि श्री प्रसाद को झारखंड हमेशा याद रखेगा़

Posted By : Sameer Oraon

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel