रांची, गुरुस्वरूप मिश्रा. झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 27 फरवरी से शुरू हो रहा है. तीन मार्च को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया जाएगा. इस बजट से हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं. झारखंड की राजधानी रांची के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के वैज्ञानिकों को भी इस बजट सत्र से काफी उम्मीदें हैं. वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार तिवारी और डॉ अरुण कुमार कहते हैं कि झारखंड बजट से उन्हें उम्मीदें हैं. वे बढ़े हुए बजट से झारखंड में बेहतर करने की कोशिश करेंगे.
मिलेट्स को लेकर बजट से हैं उम्मीदें
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक सह मिलेट्स प्रोग्राम के नोडल अफसर डॉ अरुण कुमार झारखंड बजट को लेकर काफी उत्साहित हैं. वे कहते हैं कि मिलेट्स (मोटा अनाज) परर केंद्र सरकार जितना जोर दे रही है. वैसा ही राज्य सरकार के बजट में भी प्राथमिकता होगी. ऐसी उन्हें उम्मीद है. वे कहते हैं मिलेट्स के उत्पादन, उत्पाद और इसकी खपत पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए. इससे आने वाला वर्ष मिलेट्स का होगा. झारखंड में मिलेट्स म्यूजियम, मिलेट्स कैफेटेरिया की स्थापना की जाए. किसानों के लिए उपकरण की व्यवस्था करनी होगी. बजट में मिलेट्स को प्राथमिकता देने से न सिर्फ किसानों के चेहरे पर खुशियां बिखरेंगी, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी ये झारखंड के लिए फायदेमंद होगा.
औद्यानिक फसलों को लेकर बढ़ा हुआ बजट की उम्मीद
बीएयू के वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार तिवारी झारखंड में 27 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र को लेकर काफी उत्साहित हैं. वे कहते हैं कि झारखंड की जलवायु के कारण यहां काफी संभावनाएं हैं. ऐसे में खेतीबाड़ी को बजट में प्राथमिकता मिलने की उम्मीदें हैं. इससे बड़ी संख्या में किसान जुड़े हैं. औद्यानिक फसलों में फल, सब्जी, काजू, चाय, मसालों, फूलों और औषधीय पौधों की खेती में काफी संभावनाएं हैं. बजट में इन्हें बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाने की उम्मीद है. इस बजट में औद्यानिक फसलों को लेकर बढ़ा हुआ बजट आने की आशा है.