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दीपक प्रकाश ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ 16 पेज का आरोप पत्र जारी कर लगाये गंभीर आरोप

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ 16 पन्ने का आरोप पत्र ‘हेमंत सरकार के 3 साल: आकंठ भ्रष्टाचार’ (Hemant Sarkar Ke 3 Saal: Aakanth Bhrashtachar) जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार पर हमला बोला.

हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली महागठबंधन (झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन) सरकार ने आज (29 दिसंबर 2022) तीन साल पूरे कर लिये. इस अवसर पर राज्य सचिवालय प्रोजेक्ट भवन में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अपनी उपलब्धियां गिनायीं. इससे पहले, मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ 16 पन्ने का आरोप पत्र ‘हेमंत सरकार के 3 साल: आकंठ भ्रष्टाचार’ (Hemant Sarkar Ke 3 Saal: Aakanth Bhrashtachar) जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार पर गंभीर आरोप लगाये.

कब तक कोरोना का बहाना करेंगे मुख्यमंत्री जी

झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश (Deepak Prakash) ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कनविक्शन रेट पर ध्यान नहीं देकर परफॉर्मेंस रेट पर ध्यान देते, तो राज्य का ज्यादा भला होता. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी कोरोना का बहाना कब तक करेंगे, कोरोना काल में तो छोटे-छोटे बच्चे भी ऑनलाइन पढ़ाई करके पास हो गये, लेकिन आप पूरी तरह फेल हुए.

भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है हेमंत सोरेन सरकार

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि झारखंड की विडंबना है कि राज्य सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है. झारखंड की कानून-व्यवस्था, आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा गयी है. राज्य के मुख्यमंत्री झूठ, लूट और भ्रष्टाचार को निर्लज्जता से छुपा रहे हैं. श्री प्रकाश ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल पूरे होने पर उनके परफॉर्मेंस पर आरोप पत्र जारी किया. कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार केंद्र सरकार पर भेदभाव का जो आरोप लगाती है, वह सरासर झूठ है.

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सरकार ने जमीन पर नहीं किया कोई काम : दीपक प्रकाश

श्री प्रकाश ने कहा कि एक ओर सरकार दावा करती है कि उसने ज्यादा पैसे खर्च किये हैं, वहीं कोरोना का रोना भी रोती है. इससे स्पष्ट है कि हेमंत सोरेन की सरकार ने जमीन पर कोई काम नहीं किया है. सिर्फ झूठ, लूट और भ्रष्टाचार में लिप्त है. जनता को भी यह बात समझ आ गयी है. कहा कि प्रदेश भाजपा आरोप पत्र के माध्यम से जनता के आक्रोश को व्यक्त कर रही है.

हेमंत सोरेन सरकार में अपराध का बोलबाला

दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सोरेन के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था चरमरा गयी है. यहां अपराधियों और नक्सलियों की समानांतर सरकार चल रही है. हत्या, लूट, बलात्कार, अपहरण, चोरी, डकैती, दंगा में प्रदेश अव्वल हो गया है. राजधानी के दिन-दहाड़े गोलियां बरसायी जा रही हैं. अराजक स्थिति है. आम से लेकर खास तक कोई सुरक्षित नहीं है. उनके तीन साल के कार्यकाल में कुल 1,78,351 अपराध की घटनाएं हुईं. 5258 लोगों की हत्या, 5000 से अधिक दुष्कर्म, 4485 अपहरण की घटनाएं घटित हुईं.

बांग्लादेशी घुसपैठिये बदल रहे झारखंड की डेमोग्राफी

ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था का लाभ उठाकर बांग्लादेशी घुसपैठिये झारखंड की डेमोग्राफी बदलने में लगे हैं. उन्हें राज्य सरकार का संरक्षण भी प्राप्त हो रहा है. श्री प्रकाश ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य को उस स्थिति में ला खड़ा किया है, जब खुद को झारखंडी कहने पर हमें शर्म आती है.

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झामुमो-कांग्रेस-राजद महागठबंधन की सरकार युवा विरोधी

हेमंत सोरेन की सरकार को दीपक प्रकाश ने युवा विरोधी बताया. कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने घोषणा पत्र में हर साल 5 लाख नौकरी देने का वादा किया था. नौकरी नही देने पर बेरोजगारी भत्ता का वादा किया था. तीन साल में मात्र 357 नौकरी दे पाये. अब राज्य के बेरोजगारों को अंडा-मुर्गी बेचने की सलाह दे रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के शराब माफिया की वजह से झारखंड को नुकसान

दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य में लूट मची है. सीओ कार्यालय से सचिवालय और थाना तक. लोग त्रस्त हैं. छत्तीसगढ़ के किस शराब माफिया के कारण झारखंड को राजस्व की हानि हुई, मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए. श्री प्रकाश ने कहा कि राज्य में कोयला, बालू की लूट मची है. पानी, पहाड़, खनिज संपदा की लूट मची है. वनों की कटाई हो रही है. अवैध खनन हो रहे हैं. आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी है. गरीबों को आवास बनाने के लिए पैसे नहीं मिल रहे. दूसरी तरफ, सीएम के काफिले के लिए गाड़ियां, मंत्रियों के बंगले बनाने को पैसे हैं.

जनता को भ्रमित कर रही हेमंत सोरेन सरकार

दीपक प्रकाश ने कहा कि इस सरकार ने विधानसभा से 1932 के खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति को पास करवाया. अब 9वीं अनुसूची के नाम पर जनता को इस मुद्दे पर दिग्भ्रमित किया जा रहा है. कहा कि भाजपा की सरकार बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति बनायी थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. अगर हेमंत सोरेन इस मुद्दे पर गंभीर होते, तो इसे 9वीं अनुसूची में डालने के लिए केंद्र सरकार के पास नहीं भेजते. झारखंड हाईकोर्ट की आपत्तियों को दूर करके इस नीति को पास करवाते और उसे लागू करवाते.

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झारखंड में महिला उत्पीड़न चरम पर : दीपक प्रकाश

भाजपा नेता ने कहा कि झारखंड में महिला उत्पीड़न चरम पर है. हर दिन अनाचार व उत्पीड़न की खबरें सामने आती हैं. महिलाएं घर में भी सुरक्षित नहीं हैं. अंकिता पेट्रोल हत्याकांड, दिलदार अंसारी द्वारा रेबिका पहाड़िया के टुकड़े-टुकड़े करने का मामला, अरमान अंसारी द्वारा दुमका में आदिवासी नाबालिग की रेप के पेड़ से लटकाकर हत्या, दुमका में खुद को हिंदू बता विवाहिता को ले भागा कामरान, लोहरदगा में रब्बानी अंसारी ने धर्म छिपाकर नाबालिग आदिवासी लड़की का यौन शोषण कर उसे कुआं में फेंका. साहिबगंज के मिर्जाचैकी में सद्दाम ने पहाड़िया युवती से दुष्कर्म किया, साहिबगंज के तालाझारी में पहाड़िया युवती से 8 युवकों ने रेप कर उसकी हत्या की कोशिश की, दुमका में आदिवासी छात्रा का अगवा कर चलती गाड़ी में सामूहिक दुष्कर्म, टुंडी में आदिवासी बालिका से दुष्कर्म, रांची के चान्हो में सड़क से नाबालिग को अगवा कर चलती कार में गैंगरेप जैसी घटनाएं हुईं. ऐसी घटनाओं की लंबी फेहरिस्त है.

किसान विरोधी है राज्य की सरकार

राज्यसभा सांसद ने हेमंत सोरेन सरकार को किसान विरोधी भी करार दिया. कहा कि भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी कृषि आशीर्वाद योजना को बंद कर दिया गया. कृषि, पशुपालन एवं गव्य विकास विभाग में 76 स्कीम हैं. इनमें से 53 स्कीम पर खर्च शून्य है. विभाग को 1,754.56 करोड़ रुपये का आवंटन मिला. खर्च मात्र 13.54 करोड़ रुपये हुए. वित्तीय वर्ष 2021-22 में कृषि और किसानों के विकास के लिए बनी एक दर्जन से अधिक योजनाएं फाइलों में ही दबी रह गयीं. गिरिडीह जिले में भ्रष्टाचार से तंग आकर एक किसान आत्महत्या करने पहुंचा, तो पुलिस ने उसे सड़क पर घसीटकर पीटा.

आदिवासी दलित विरोधी सरकार

श्री प्रकाश ने कहा कि इस सरकार ने ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी (टीएसी) को विवादित बनाया. निकाय चुनाव में मेयर सीट के आरक्षण को लेकर आदिवासी और दलितों को लड़ाया. आदिवासियों के लिए आरक्षित औद्योगिक भूमि को सीएम ने पत्नी के नाम से आवंटित कराया. राज्य की महागठबंधन सरकार को पिछड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ट्रिपल टेस्ट कमेटी का गठन नहीं किया. उसने पंचायत चुनाव में पिछड़ी जातियों को आरक्षण से वंचित रखा.

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