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Jharkhand: बीएयू को बी ग्रेड, सात कॉलेजों को मान्यता नहीं, 1100 विद्यार्थी अधर में

आइसीएआर ने बिरसा कृषि विवि को बी ग्रेड (2.85 स्कोर) प्रदान करते हुए 30 मई 2026 तक के लिए मान्यता प्रदान कर दी है. लेकिन इससे संबंद्ध अन्य कॉलेजों को मान्यता नहीं दी है. ऐसे में 100 स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटक गया है.

संजीव सिंह

Ranchi News: आइसीएआर ने बिरसा कृषि विवि को बी ग्रेड (2.85 स्कोर) प्रदान करते हुए 30 मई 2026 तक के लिए मान्यता प्रदान कर दी है. आइसीएआर ने रांची एग्रीकल्चर कॉलेज को 2.84 सीजीपीए के साथ बी ग्रेड दिया है. फिशरी साइंस कॉलेज को मान्यता प्रदान कर दी है. लेकिन विवि अंतर्गत वेटनरी कॉलेज को मान्यता नहीं दी. छह नये कॉलेजों की मान्यता भी अधर में लटक गयी है. मान्यता नहीं मिलने से वर्तमान में सात कॉलेजों में अध्ययनरत 1100 विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है.

शिक्षकों की कमी से नहीं मिली मान्यता

इन कॉलेजों की मान्यता नहीं मिलने का मुख्य कारण विवि व इन कॉलेजों में नियमित एसोसिएट डीन, शिक्षक व कर्मचारी की कमी/नियुक्ति का नहीं होना है. विवि प्रशासन शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी दूर करने और नियमित नियुक्ति के लिए कई बार राजभवन, सरकार व जेपीएससी से आग्रह करता रहा है. हालांकि विवि प्रशासन को उम्मीद है कि शीघ्र ही आइसीएआर से इन कॉलेजों को मान्यता मिल जायेगी. इसके लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.

नये कॉलेजों की स्थिति ठीक नहीं

विश्वविद्यालय अंतर्गत तिलका मांझी एग्रीकल्चर कॉलेज, गोड्डा के बीएससी (ऑनर्स) कृषि कोर्स को मान्यता के लिए स्वीकृत किया गया है, जबकि कॉलेज का स्कोर 2.5 से कम होने से उक्त कॉलेज को मान्यता के लिए स्वीकृति नहीं दी गयी. इसी तरह रवींद्र नाथ टैगोर कॉलेज देवघर एवं एग्रीकल्चर कॉलेज गढ़वा की मान्यता सबंधी सेल्फ स्टडी रिपोर्ट को विवि द्वारा प्रशासनिक कारणों से वापस लेने के कारण मान्यता पर विचार नहीं किया. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज और हॉर्टिकल्चर कॉलेज खूंटपानी (चाईबासा) को मान्यता के लिए पात्र नहीं पाया गया.

फॉरेस्ट्री कॉलेज को भी बी ग्रेड मिला

फॉरेस्ट्री कॉलेज को 2.89 स्कोर और बी ग्रेड मिला है. इसके बीएससी (ऑनर्स) वानिकी, एमएससी (कृषि) सिल्वीकल्चर और एग्रोफोरेस्ट्री एवं पीएचडी सिल्वीकल्चर और एग्रोफोरेस्ट्री कोर्स को अनुमोदित किया गया है. जबकि एमएससी (वानिकी) प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और वानिकी उत्पादों एवं वन उपयोग के कार्यक्रम को मान्यता नहीं मिली है.

वेटनरी कॉलेज के कोर्स को मान्यता नहीं

फिशरी साइंस कॉलेज, गुमला का स्कोर 2.76 है . इसके बीएफएससी कार्यक्रम को मंजूरी दी गयी है. पशु चिकित्सा विज्ञान और वेटनरी कॉलेज के कोर्स को भी मान्यता के लिए पात्र नहीं माना गया है. कम स्कोर व फैकल्टी पदों के लिए वीसीआइ सिफारिशों को नहीं मानने को आधार बनाया गया. कॉलेज ऑफ डेयरी टेक्नोलॉजी, हंसडीहा की मान्यता सबंधी रिपोर्ट को विवि द्वारा प्रशासनिक कारणों से वापस लेने के कारण मान्यता पर विचार नहीं किया जा सका.

पीजी कोर्स भी अधर में लटका

एमएससी और पीएचडी के नामकरण में बीएसएमए सिफारिशों का पालन नहीं होने से एमटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, एमएससी और पीएचडी -मौसम विज्ञान , पर्यावरण में, एमएससी (कृषि) और पीएचडी बागवानी में, एमएससी व पीएचडी , संचार में, एमएससी बायोटेक्नोलॉजी में एमएससी , पीएचडी मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विज्ञान, फॉरेस्ट्री संकाय के एमएससी प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और वानिकी उत्पादों एवं उपयोग कोर्स को मान्यता के लिए नहीं माना है.

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