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रांची विधानसभा से टिकट पाने के लिए BJP नेता कर रहे जद्दोजहद, एक दावेदार ने मंडल अध्यक्षों को बांटे साउंड सिस्टम

Jharkhand Assembly Election 2024 : रायशुमारी के लिए प्रदेश नेतृत्व की ओर से जटाशंकर पांडेय और गीता बलमुचु को प्रभारी बनाया गया था. पेशे से बिल्डर-जमीन कारोबारी रमेश सिंह ने रायशुमारी से पहले पैसे लगाये.

Jharkhand Assembly Election 2024, रांची : विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा में टिकट को लेकर पूरे प्रदेश में रायशुमारी हो रही है. मंडल अध्यक्षों और प्रमुख कार्यकर्ताओं को टटोला जा रहा है. संगठन की ओर से रायशुमारी के लिए नेताओं को जिम्मा भी दिया गया है. रांची विधानसभा की सीट भाजपा के लिए हॉट सीट है. यह सीट पूरे प्रदेश में भाजपा के लिए सर्वाधिक सेफ सीट मानी जाती है. इस सीट पर दर्जनों दावेदार हैं. भाजपा के अंदरखाने इस सीट को लेकर शह-मात का खेल चल रहा है. संभावित प्रत्याशी अपना हर दांव लगा रहे हैं. भाजपा कार्यसमिति के सदस्य रमेश सिंह भी रेस में हैं. रांची सीट को लेकर 11 सितंबर को रायशुमारी हुई.

रायशुमारी से पहले रमेश सिंह ने लगाये पैसे

रायशुमारी के लिए प्रदेश नेतृत्व की ओर से जटाशंकर पांडेय और गीता बलमुचु को प्रभारी बनाया गया था. पेशे से बिल्डर-जमीन कारोबारी रमेश सिंह ने रायशुमारी से पहले पैसे लगाये. उन्होंने अलग-अलग मंडल के लिए साउंड सिस्टम खरीदे. मंडल अध्यक्षों को साउंड सिस्टम देते हुए तस्वीरें भी खिंचवायी. मंडल-मोर्चा के अन्य पदाधिकारियों को भी उपकृत किया गया. पार्टी के अंदर इस प्रकरण की खूब चर्चा है. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि रायशुमारी से एक दिन पहले भी खेल हुआ. रायशुमारी में शामिल हाेनेवाले रांची विधानसभा के नेताओं व कार्यकर्ताओं को पक्ष में गोलबंद करने के अलग-अलग हथकंडे तलाशे गये. सूत्रों का कहना है कि हर जगह रायशुमारी केंद्र के भीतर मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध था, पर रांची में इसका पूरी तरह पालन नहीं किया गया.

प्रमुख दावेदार शहर से बाहर संगठन का देख रहे थे काम :

रायशुमारी के दिन रांची सीट के प्रमुख दावेदार शहर से बाहर थे. उन्हें संगठन ने रायशुमारी में लगाया था. विधायक सीपी सिंह को जमशेदपुर पूर्वी भेजा गया था. पूर्व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय भी जमशेदपुर में थे. मनोज मिश्रा को पोटका भेजा गया था. प्रतुल शाहदेव जुगसलाई में थे. भाजपा नेता बालमुकुंद सहाय, अजय मारू, संदीप वर्मा, अमित कुमार, कुणाल अजमानी, कृपाशंकर सिंह सहित सभी दावेदार बाहर थे. संगठन ने उन्हें अलग-अलग जगहों पर भेजा था. पर कार्यसमिति सदस्य रमेश सिंह को किसी जगह की जवाबदेही नहीं थी. वह रायशुमारी के दिन शहर में ही थे. रायशुमारी केंद्र के बाहर जमे थे. पार्टी के नेता सवाल उठा रहे हैं कि कार्यसमिति के सदस्य को किसी विधानसभा क्षेत्र का जिम्मा आखिर क्यों नहीं दिया गया? सूत्रों का कहना है कि रायशुमारी की सूचना रमेश सिंह को पहले से ही मिल गयी थी.

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1996 में पहली बार जीते थे सीपी सिंह, छह बार से भाजपा का कब्जा

वर्तमान विधायक सीपी सिंह वर्ष 1996 में पहली बार रांची विधानसभा के उपचुनाव में टिकट मिला था. श्री सिंह ने राजद के जयसिंह यादव को चुनाव में हरा कर रांची में खाता खोला. इसके बाद उन्होंने लगातार छह अलग-अलग चुनाव में बाजी मारी. पिछली बार झामुमो की राज्यसभा सांसद महुआ माजी को हराया था. इस सीट पर भाजपा ने सीपी सिंह के सहारे मजबूत खूंटा गाड़ा है.

रांची सीट पर ये हैं दावेदार

बालमुकुंद सहाय, संजीव विजयवर्गीय, पूर्व सांसद अजय मारू, प्रतुल शाहदेव, बालमुकुंद सहाय, अमित कुमार, रमेश सिंह, सत्यनारायण सिंह, मनोज मिश्रा, संदीप वर्मा, केके गुप्ता, राकेश भाष्कर, कृपाशंकर सिंह, ललित ओझा, माया सिंह सिसोदिया, संजय जायसवाल, सतीश सिन्हा, हेमंत दास व अन्य.

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