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Jharkhand: कोरोना संक्रमित लोगों में से 60 फीसदी नये वैरिएंट की चपेट में, जानिए कितना खतरनाक है ये

राज्य में ओमिक्रोन के नये वैरिएंट की पहचान की गयी है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य में जितने संक्रमित मरीज हैं, उनमें से 60 फीसदी मरीज इसी नए वेरिएंट की चपेट में हैं. कोरोना का जो नया वैरिएंट हैं वो ओमिक्रोन का ही एक स्वरूप है.

राजीव पांडेय

Jharkhand Corona Update: राज्य में ओमिक्रोन के नये वैरिएंट की पहचान की गयी है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य में जितने संक्रमित मरीज हैं, उनमें से 60 फीसदी मरीज इसी नए वैरिएंट की चपेट में हैं. कोरोना का जो नया वैरिएंट हैं वो ओमिक्रोन का ही एक स्वरूप है. नए वैरिएंट के संक्रमित लोगों के आकड़े बीते तीन दिन में सामने आए हैं. एक्सपर्ट की माने तो नये वैरिएंट से चौथे लहर की आशंका जतायी जा रही है.

सेंटोरस है कोरोना का नया वैरिएंट

राज्य में कोरोना संक्रमितों में जो नया वैरिएंट पाया गया है उसे ‘सेंटोरस’ कहा गया है. रिम्स प्रबंधन ने रिपोर्ट जारी कर बताया कि पिछले तीन दिनों तक राज्य के विभिन्न लैब से आये 192 सैंपल की जांच की गयी, जिसमें 180 रिपोर्ट के नतीजे आये. सेंटोरस वायरल ओमिक्रोन बीए-4 का रूप है, जिसे बीए-2.75 और 2.76 कहा जाता है. वर्तमान में देश में इसी वैरिएंट से चौथे लहर के फैलाव की आशंका जतायी जा रही है.

दो महीने में आये ये आंकड़े

रिम्स में जिन सैंपल्स की जांच हुई, वे सैंपल जून और जुलाई के अंत तक में गिये गये हैं. अचानक राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने में इसी वैरिएंट को प्रमुख वजह माना जा रहा है. जांच में सबसे ज्यादा 147 सैंपल जमशेदपुर से रिम्स भेजे गये थे. वहीं रांची से 28 सैंपल और हजारीबाग से 17 सैंपल जांच के लिए आये थे. निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच शुरू होने से राज्य को वायरस से बचाव की रणनीति बनाने में सहायता मिल रही है.

यह वैरिएंट डेल्टा की तरह जानलेवा नहीं

रिम्स द्वारा दूसरी बार की गयी जीनोम सिक्वेंसिंंग की जांच में कोरोना के जानलेवा वैरिएंट डेल्टा की पुष्ट नहीं हुई है.192 सैंपलों की जांच में एक भी सैंपल में डेल्टा वैरिएंट नहीं पाया गया है. जबकि पहली बार हुई जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच में कुछ सैंपल में डेल्टा वायरस का वैरिएंट मिला था. डेल्टा कई मामलों में जानलेवा साबित हो चुका है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सेंटोरस वैरिएंट ओमिक्रोन का ही सब वैरिएंट है, इसलिए भयभीत होने की जरूरत नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है. लोगों को चाहिए कि वह टीकाकरण अभियान में शामिल हों और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें.

डॉ अनूपा प्रसाद,

विभागाध्यक्ष जेनेटिक एंड जीनोमिक्स

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