रांची. झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन हर घर नल जल योजना का बुरा हाल है. राज्य के 14 जिलों में जल जीवन मिशन का काम पूरी तरह से ठप हो गया है. हाल यह है कि जून में इन 14 जिलों के एक भी घर में नल से जल का नया कनेक्शन नहीं दिया गया है. इसमें पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज, धनबाद, सरायकेला-खरसावां, दुमका, पलामू, हजारीबाग, गढ़वा, चतरा, गुमला, लातेहार, लोहरदगा व सिमडेगा जिले शामिल हैं. गोड्डा, धनबाद व गुमला जिले में तो मई माह से काम ठप है. जून माह में अब तक राज्य के सिर्फ 690 नये घरों में नल से जल का कनेक्शन दिया गया है.
12 लाख नये घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य
वहीं, चालू वित्तीय वर्ष की बात करें तो पिछले ढाई माह में 11,073 घरों तक ही शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया. जबकि, सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 12 लाख नये घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इधर, राज्य सरकार कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से जल जीवन मिशन में फंड नहीं मिलने की वजह से जल जीवन मिशन का काम प्रभावित हो रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार की ओर से आवंटित 2114.16 करोड़ में सिर्फ सिर्फ 70 करोड़ रुपये ही विमुक्त किया गया. वर्तमान में जल जीवन मिशन के तहत झारखंड को केंद्रांश के तौर पर 6270.37 करोड़ मिलना है. इसको लेकर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने पिछले माह जल शक्ति मंत्री से मुलाकात कर राशि विमुक्त करने का आग्रह किया था.
15 अगस्त 2019 को शुरू हुई थी योजना
राज्य में जल जीवन मिशन की योजना 15 अगस्त 2019 को शुरू हुई थी. केंद्र सरकार ने इस योजना का विस्तार 2028 तक किया है. अब तक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के कुल 62,54,051 घरों में से 34,42,188 घरों तक ही नल से जल पहुंचाया गया है, जो कुल ग्रामीण घरों का लगभग 55 प्रतिशत है. जबकि जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने का राष्ट्रीय औसत 80.82 प्रतिशत है. झारखंड फिलहाल राष्ट्रीय औसत से 25 प्रतिशत पीछे चल रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

