रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पिता शिबू सोरेन का श्राद्धकर्म स्थानीय मान्यता के अनुसार करते हुए पैतृक गांव नेमरा में ही निवास कर रहे हैं. रीति-रिवाज के अनुरूप श्राद्धकर्म की रस्म निभाने के बाद बचे समय में मुख्यमंत्री नेमरा के खेतों में किसानों के बीच पहुंच रहे हैं. रविवार को भी मुख्यमंत्री गांव की पगडंडियों पर चलते हुए धान रोपनी में लगे किसानों के बीच पहुंचे. वहां काम कर रहे किसानों और महिलाओं से बातचीत की. उनके साथ अपने बचपन की यादें साझा की. नेमरा के बरमसिया और बड़का नदी दोईन में किसानों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने स्थानीय तौर पर हुई बारिश के पानी का खेती में इस्तेमाल किये जाने के फायदों के बारे में बताया. उन्होंने किसानों से कहा कि छोटी बरसाती नदी के पानी को चेक डैम के जरिये खेतों तक पहुंचाने की सरकार की योजना का लाभ लें. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर खेती की बेहतरी से आमदनी बढ़ाने का प्रयास करें. किसानों से बात करते हुए उन्होंने खेती-बाड़ी की मौजूदा स्थिति, बारिश के हालात, खाद और बीज की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली. कहा कि आपकी मदद के लिए तत्पर सरकार आपके साथ खड़ी है. इस अवसर पर किसानों ने भी खुले मन से अपनी समस्याएं और सुझाव मुख्यमंत्री के समक्ष रखे. श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड के गांवों में प्रकृति ने जैसे दृश्य बिखेर रखे हैं, वैसे नजारे देखने के लिए लोग दूर-दूर देशों तक घूमने जाते हैं. हम सभी को पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सजग रहने की जरूरत है. राज्य सरकार गांव-गांव तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए निरंतर काम कर रही है. सरकार किसानों के हित में हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है. गांव के विकास, सड़क, सिंचाई और शिक्षा सुविधाओं के विस्तार के लिए लगातार प्रयासरत है. इस दौरान नेमरा के रविदास सोरेन, बिरजू सोरेन, दिलका सोरेन, विश्वनाथ बेसरा और परमेश्वर सोरेन मुख्यमंत्री के साथ थे.
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