: रांची समेत राज्य भर में खुले में चल रहे मीट-चिकेन दुकानों के संचालन का मामला रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी सहित पूरे राज्य में दुकानों में खुलेआम कटे हुए बकरे व मुर्गे की बिक्री के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने प्रार्थी, राज्य सरकार व रांची नगर निगम का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले में की गयी कार्रवाई से संबंधित जवाब दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने राज्य सरकार व रांची नगर निगम से जानना चाहा कि हाइकोर्ट की एकल पीठ के वर्ष 2023 के एक आदेश के आलोक में पशु वधशाला के लिए रूल एवं रेगुलेशन बनाया जाना था, वह नियमावली बनायी गयी है या नहीं. खंडपीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अब तक आदेश का अनुपालन नहीं हुआ है. खंडपीठ ने राज्य सरकार से पशु वधशाला के लिए नियमावली पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने खंडपीठ को बताया कि झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट के आलोक में नगर निगम ने वर्ष 2017 में ही नियमावली का प्रारूप राज्य सरकार को भेज दिया था, जो सरकार के स्तर पर लंबित है. वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शुभम कटारुका ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी श्यामानंद पांडेय ने जनहित याचिका दायर की है. प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि रांची शहर सहित राज्य में मीट विक्रेता बाहर खुले में कटे हुए बकरा व चिकन की बिक्री के लिए उसका प्रदर्शन करते हैं. यह एफआइसीसीआइ के रूल एंड रेगुलेशन के खिलाफ है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के विपरीत भी है. एकल पीठ ने 19 जुलाई 2023 को खुले में मांस की बिक्री व स्लॉटर हाउस पर आदेश दिया था. प्रार्थी ने कहा कि यदि इस आदेश का पालन कर दिया जाये, तो समस्या स्वत: समाप्त हो जायेगी.
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