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झारखंड में गुणवत्तायुक्त शोध को मिलेगा बढ़ावा, इनोवेशन एंड स्टार्टअप प्रमोशन बोर्ड का होगा गठन

बोर्ड में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सहित उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव, तीन वर्ष के लिए रोटेशन के आधार पर तीन विश्वविद्यालयों के कुलपति सदस्य होंगे

‘झारखंड स्टेट रिसर्च, इनोवेशन एंड स्टार्टअप प्रमोशन बोर्ड’ का गठन किया जायेगा. इसका उद्देश्य विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में वैश्विक मानकों पर गुणवत्तायुक्त शोध को बढ़ावा देना है. साथ ही समाज, अर्थव्यवस्था व देश की समस्याओं के समाधान खोजने में शोधार्थियों को सहायता, नये इनोवेशन व स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना है. इसका प्रस्ताव उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने तैयार किया है.

बोर्ड में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सहित उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव, तीन वर्ष के लिए रोटेशन के आधार पर तीन विश्वविद्यालयों के कुलपति सदस्य होंगे. साथ ही बोर्ड में डीएसटी/सीएसआइआर/डीबीटी/आइसीएसएसआर द्वारा केंद्र सरकार द्वारा रोटेशन के आधार पर तीन वर्ष के लिए मनोनीत एक वरीय वैज्ञानिक, झारखंड अंतर्गत योजना व विकास विभाग का एक प्रतिनिधि, झारखंड वित्त विभाग का प्रतिनिधि,

झारखंड स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग से मनोनीत प्रतिनिधि, केंद्रीय विवि/झारखंड स्टेट गवर्नमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट से रोटेशन के आधार पर तीन वर्ष के लिए वैज्ञानिक, गैर सरकारी शोध संस्थान से रोटेशन के आधार पर तीन वर्ष के लिए दो वरीय प्रतिनिधि सदस्य होंगे. जबकि, बोर्ड के निदेशक सदस्य सचिव होंगे.

कार्यालय संचालन के लिए होगी नियुक्ति :

बोर्ड कार्यालय संचालन के लिए एक निदेशक, दो एसोसिएट डायरेक्टर सहित साइंस, सोशल साइंस, ह्यूमिनिटिज और टेक्निकल, इंजीनियरिंग क्षेत्र से अनुबंध पर तीन सलाहकार, कंप्यूटर ऑपरेटर सह टाइपिस्ट, एक चपरासी की नियुक्ति की जायेगी.

बोर्ड के जिम्मे ये काम होंगे :

विवि में चल रही शोध गतिविधियों की समय-समय पर समीक्षा तथा भविष्य के शोध के लिए सिफारिशें करना होगा. सामाजिक विज्ञान में शोध के महत्वपूर्ण क्षेत्र की सूची तैयार करना, राज्य में प्राथमिकता वाले क्षेत्र जैसे कृषि, उद्योग, सेवाओं की पहचान करने सहित पर्यावरण आदि ऐसे क्षेत्रों में शोध को प्रोत्साहित करना है.

इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति, यूजीसी व अन्य निकायों के दिशा-निर्देशों का पालन करने, विवि में शोध की गुणवत्ता की निगरानी करना, अंतरराष्ट्रीय रिसर्च कनेक्टिविटी की संभावनाओं का पता लगाना, उच्च शिक्षा में शोध के जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए एक एजेंसी के रूप में कार्य करना होगा. पेटेंट उन्मुख शोध को बढ़ावा देना, शोध प्रोफाइल बनाये रखने का भी कार्य बोर्ड के जिम्मे होगा. उत्कृष्ट शोधकर्ताओं के लिए राज्यस्तरीय पुरस्कार देने, प्रोजेक्ट के लिए धन उपलब्ध कराने सहित विवि में स्टार्टअप नीति तैयार करना आदि शामिल रहेगा.

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