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रांची सेवा सदन को तोड़ने मामले पर सांसद और डिप्टी मेयर बिफरे, बोले- पुराने भवनों को तोड़ना अव्यावहारिक

रांची सेवा सदन भवन को तोड़े जाने के नगर आयुक्त मुकेश कुमार कोर्ट द्वारा आदेश आने के बाद मामला गरमा गया है. रांची सांसद संजय सेठ और रांची डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने इस निर्णय को अव्यावहारिक बताया है. कहा कि अपनी स्थापना काल से सेवा सदन ने लाखों लोगों की जिंदगियां बचायी है.

Jharkhand News (रांची) : रांची नगर आयुक्त मुकेश कुमार की कोर्ट द्वारा सेवा सदन हॉस्पिटल को तोड़ने और बिना नक्शा के हॉस्पिटल संचालन पर सवा 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश के बाद मामला गरमा गया है. रांची सांसद संजय सेठ और रांची के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने इसे गंभीरता से लिया है. सेवा सदन को तोड़ने के नोटिस पर सांसद श्री सेठ ने जहां आपत्ति जतायी, वहीं डिप्टी मेयर श्री विजयवर्गीय ने इस आदेश को जल्द वापस लेने की मांग की है.

रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि रांची नगर निगम द्वारा लगातार लोगों को उजाड़ा जा रहा है. पुराने भवनों को तोड़ने के आदेश पर उन्होंने नगर निगम से कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि जिस वक्त इस क्षेत्र में घर-मकान बन रहे थे, उस समय नगर निगम के लोग कहां थे. इनलोगों के संरक्षण के बिना इतनी बड़ी बस्ती कैसे बस गयी. दोषियों की जगह आमलोगों को नगर निगम सजा दे रहा है.

सेवा सदन हॉस्पिटल को तोड़ने के बाबत श्री सेठ ने कहा कि सेवा सदन तब से रांची के लोगों को अपनी सेवा दे रहा है, जब नगर निगम नहीं था. अपर बाजार में बने अधिकतर घर तब के हैं, जब नगर निगम का कोई अस्तित्व नहीं था. सेवा सदन ने अपने स्थापना काल से लाखों लोगों को जिंदगी दी है और लाखों जिंदगियां बचायी है.

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वहीं, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि पूर्व में बने सभी भवनों को तोड़ने से पहले भवनों का नक्शा रेगुलाइज कराने का प्रावधान ला. पिछले कई दिनों से रांची शहर में नगर निगम के द्वारा पुराने भवनों को भी नोटिस दिया जा रहा है. इससे पूरे शहर में डर का माहौल है.

उन्होंने कहा कि रांची शहर में जब हॉस्पिटल नहीं थे, नक्शे का प्रावधान नहीं था, तब से इस हॉस्पिटल ने लाखों जिंदगियां बचायी और आज इसे तोड़ने का फरमान जारी किया गया है. ऐसे पुराने भवनों को तोड़ने का नोटिस देना अव्यावहारिक है. सेवा सदन हॉस्पिटल के साथ- साथ वैसे भवन जिनका रेगुलाइज नहीं हुआ है, वैसे भवनों को नियम संगत रेगुलाइज करने की प्रक्रिया जब तक पूरी नहीं हो जाये, तब तक वैसे भवनों को हटाने के लिए जल्द कार्रवाई नहीं किया जाये.

उन्होंने कहा कि शहर के करीब 2 लाख घर मालिक आज डर के माहौल में जी रहे हैं. उन्होंने हेमंत सरकार से इस मामले में तत्काल संज्ञान में लेते हुए इस आदेश पर रोक लगाने एवं जल्द से जल्द पुराने भवनों को रेगुलाइज करने के लिए नियमावली बनाने की अपील की.

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Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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