पिपरवार. विस्थापितों के संविधान प्रदत्त अधिकारों की अनदेखी कदापि बर्दाश्त नहीं की जायेगी. प्रबंधन को उन्हें नौकरी-मुआवजा, पुनर्वास व रोजगार देना होगा. उक्त बातें सिमरिया के जेएमएम नेता मनोज चंद्रा ने बतौर मुख्य अतिथि रैयत विस्थापित मोर्चा के स्थापना दिवस समारोह में कही. उन्होंने कहा कि विस्थापिताें के अधिकार के लिए कोयला खदान से लेकर नयी दिल्ली तक लड़ाई लड़ना पड़े, तो इसके लिए रैविमो तैयार है. श्री चंद्रा ने अपने संबोधन में विस्थापितों को सभी प्रकार की नौकरियों में प्राथमिकता देने की मांग की. इससे पूर्व मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष इकबाल हुसैन ने विस्थापित बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा, चिकित्सा, राजधर साइडिंग में बेरोजगार युवकों को काम, ठेका कार्य व कोल डंप के अनियमित संचालन पर चर्चा करते हुए प्रबंधन से इनके समाधान की मांग की. अंत में सर्वसम्मति से मोर्चा द्वारा एक 30 सूत्री मांग पत्र तैयार कर प्रबंधन को सौंपने की घोषणा की गयी. इससे से पूर्व मोर्चा नेताओं ने बचरा में आंबेडकर चौक, पटेल चौक व कृष्णा महतो चौक पर महापुरुषों की प्रतिमाओं का माल्यार्पण किया. इसके बाद तीर-धनुष के साथ जुलूस के रूप में सीएचपी-सीपीपी परियोजना रिजेक्ट कोल डंप पहुंचे. समारोह की अध्यक्षता इकबाल हुसैन ने की व संचालन अनिल राम व राहुल राम ने संयुक्त रूप से किया. समारोह को चंद्रदेव साहू, जितेंद्र सिंह, प्रकाश यादव, पप्पू दास, रामचंद्र उरांव, इस्लाम, अशोक राम, जेपी महाराज, तोहिद अंसारी, अनिल पासवान, अर्जुन गंझू व रंथू गंझू ने भी संबोधित किया. मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
रैविमो के स्थापना दिवस पर तीर-धनुष के साथ निकाला गया जुलूस
प्रबंधन को 30 सूत्री मांग पर सौंपने का निर्णय
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