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VIDEO: झारखंड सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ के दौरान कैसे पहुंचे CRPF जवान?

20 जनवरी को ईडी सीएम आवास पहुंच कर हेमंत सोरेन से पूछताछ की. कांके रोड स्थित सरकारी आवास में सीएम से पूछताछ के दौरान कई बसों में भरकर सीआरपीएफ के जवान वहां पहुंचे थे. सीएमओ ने पूछा कि सीआरपीएफ जवान प्रतिबंधित क्षेत्र में कैसे आये.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शनिवार को इडी की पूछताछ के दौरान सीएम आवास तक सीआरपीएफ के जवानों के आने का मामला तूल पकड़ रहा है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस संबंध में गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय से पूरी जानकारी मांगी है. सीएमओ की ओर से पूछा गया है कि कैसे सीआरपीएफ के जवान प्रतिबंधित इलाके में आ गये? इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है? गौरतलब है कि शनिवार को जब इडी के अधिकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके कांके रोड स्थित सरकारी आवास में पूछताछ कर रहे थे, तो कई बसों में भरकर सीआरपीएफ के जवान वहां पहुंचे थे. वे मुख्यमंत्री आवास में जाना चाहते थे, लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें वापस भेज दिया था. झामुमो ने शनिवार को सीएम से इडी की पूछताछ के दौरान सीआरपीएफ की इंट्री को गैर-कानूनी करार दिया है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और विनोद कुमार पांडेय ने सरकार से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर सीआरपीएफ आइजी, कमांडेंट व अन्य दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. कहा कि सरकार सीआरपीएफ की साजिश का पर्दाफाश करे, नहीं तो झामुमो आंदोलन के लिए बाध्य होगी. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झामुमो के बयान पर पलटवार किया है. कहा है कि शनिवार को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भ्रष्टाचार के आरोप में चौतरफा घिरे मुख्यमंत्री ध्यान बंटाने के लिए सारी मर्यादा तोड़ रहे हैं. लग रहा था कि झामुमो का शीर्ष नेतृत्व झामुमो कार्यकर्ताओं से हिंसा तक करवा देगा. अगर शनिवार को सीएम से पूछताछ के दौरान सीआरपीएफ नहीं आती, तो इडी के साथ किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था. धारा 144 लागू रहने के बावजूद मुख्यमंत्री के आह्वान पर झामुमो के 10,000 कार्यकर्ता हथियार लेकर मुख्यमंत्री आवास के पास पहुंचे हुए थे. मुख्यमंत्री इन कार्यकर्ताओं के जरिये क्या देश की न्यायिक व्यवस्था, न्यायाधीशों, केंद्रीय एजेंसी या देश के संविधान को डराना चाह रहे थे? भय का माहौल तो यह सरकार पैदा कर रही थी. श्री शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के पास जब धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू थी, तो झामुमो के हजारों कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने कैसे हथियार के साथ वहां जमा होने की अनुमति दे दी? 

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