रांची. ऑपरेशन डाकाबेड़ा के दौरान सुरक्षाबलों ने बिना किसी नुकसान के माओवादी के गढ़ को खाली करा लिया था. इस अभियान के दौरान झारखंड के इतिहास में पहली बार एक करोड़ का इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य मारा गया. जनवरी से अप्रैल 2025 तक चले इस अभियान में उत्कृष्ट नेतृत्व, कर्तव्यनिष्ठा और बहादुरी को सराहते हुए विशेष अभियान के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को केंद्रीय गृह मंत्री दक्षता पदक से सम्मानित किया गया है. झारखंड कैडर के पांच आइपीएस सहित 14 पदाधिकारी और जवान केंद्रीय गृह मंत्री दक्षता पदक से सम्मानित किये गये हैं.
यह सम्मान विशेष अभियान के लिए मिला
उन्हें यह सम्मान विशेष अभियान के लिए दिया गया है. इन प्रमुख अधिकारियों में आइजी रेल अमोल विनुकांत होमकर (तत्कालीन आइजी अभियान), आइजी अभियान डॉ माइकलराज एस (तत्कालीन आइजी बोकारो), डीआइजी जगुआर इंद्रजीत माहथा, डीआइजी कार्मिक सुरेंद्र कुमार झा, (तत्कालीन डीआइजी बोकारो), जैप-03 कमांडेंट मनोज स्वर्गियारी (तत्कालीन एसपी बोकारो) और मिथिलेश कुमार उप-समादेष्टा, अभियान शामिल हैं. अन्य पदाधिकारियों में सब-इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार व मंटू कुमार के अलावा आरक्षी दीनबंधु शेखर, पारस कुमार वर्मा, विकास कर्माकर, भागीरथ रजवार, शिवनंदन हांसदा और आरक्षी अजय मेहता शामिल हैं. यह जानकारी पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आइजी अभियान डॉ माइकलराज एस ने दी. मौके पर आइजी अभियान डॉ माइकलराज एस ने बताया कि पिछले दो दशकों से शीर्ष नक्सलियों के गढ़ रहे पारसनाथ पहाड़ी (गिरिडीह) एवं लुगु-झुमरा पहाड़ (बोकारो) को सुरक्षा बलों ने भाकपा माओवादी नक्सली संगठन की गतिविधियों से मुक्त करा दिया है. सुरक्षाबलों द्वारा जनवरी से अप्रैल-2025 तक चलाये गये अभियान में कुल-10 नक्सली कमांडर मारे गये.
::::::::::: ::::::::::::: :::::::::::ये सफलताएं भी मिली टीम कोअभियान की शुरुआत में 22 जनवरी 2025 को पेक नारायणपुर थाना अंतर्गत ग्राम वंशी एवं जड़वा के पहाड़ी क्षेत्र में मुठभेड़ में दो कुख्यात माओवादी मारे गये थे. सर्च अभियान में दो इंसास राइफल और एक एके-47 राइफल बरामद की गयी थी. उक्त अभियान के दौरान 15 लाख के इनामी नक्सली रणविजय महतो की गिरफ्तारी भी हुई थी. अभियान के दौरान 21 अप्रैल 2025 को ऑपरेशन ””””डाकाबेड़ा के तहत लुगु पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षाबलों को उल्लेखनीय सफलता मिली. इस दौरान एक करोड़ का इनामी विवेक उर्फ प्रयाग मांझी अपने दस्ते के आठ सदस्यों के साथ मुठभेड़ में मारा गया. इस क्रम में 14 हथियार भी मिले थे.
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