‘प्रभात खबर’ में प्रकाशित खबर का असर रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने इमरजेंसी सेवा ‘डायल-108’ के तहत कंडम एंबुलेंस के संचालन को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने दो सितंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि डायल-108 के तहत कंडम हो चुकी एंबुलेंस के संचालन संबंधी ‘प्रभात खबर’ में प्रकाशित खबर को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. रोड साइड दुर्घटना में घायल या प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला या अकस्मात किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित को शीघ्र चिकित्सा देखभाल के लिए एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचना होता है, लेकिन कंडम एंबुलेंस या पुराने एंबुलेंस के कारण यह एक घंटे की अवधि कई बार लंबी हो जाती है. इस कारण मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. फिलहाल राज्य की सड़कों पर 436 एंबुलेंस ही दौड़ रही है. इनमें से ज्यादातर एंबुलेंस कंडम हो चुकी हैं और एमवीआइ रूल्स का उल्लंघन करते हुए चलायी जा रही हैं. एंबुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) से लैस होनी चाहिए, जो रोड साइड एक्सीडेंट और गंभीर मरीजों को गोल्डेन आवर में अस्पताल पहुंचाने में मददगार साबित होती हैं, लेकिन अधिकतर एंबुलेंस में यह सुविधा नहीं है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

