रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के जलस्रोतों, नदियों व बड़ा तालाब के अतिक्रमण तथा साफ-सफाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार, जुडको व रांची नगर निगम का पक्ष सुना. जुडको का पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने हरमू नदी व बड़ा तालाब की सफाई के बिंदु पर राज्य सरकार व रांची नगर निगम को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने जानना चाहा कि हरमू नदी व बड़ा तालाब की सफाई की क्या योजना है. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 16 अप्रैल की तिथि निर्धारित की.
जुडको की ओर से क्या कहा गया
इससे पूर्व जुडको की ओर से बताया गया कि हरमू नदी व बड़ा तालाब के साैंदर्यीकरण का काम हो गया है. वर्ष 2023 में हरमू नदी के साैंदर्यीकरण के बाद उसे राज्य सरकार को हैंडओवर कर दिया गया है. उसके बाद रखरखाव, साफ-सफाई आदि कार्य सरकार को ही करना है. इसके लिए सरकार को जुडको की ओर से पत्र भेजा गया है. वहीं, रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि जलस्रोतों के अतिक्रमण व साफ-सफाई से संबंधित प्रकाशित खबर को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. पूर्व में कोर्ट ने सरकार को राज्य के सभी जिलों में जलस्रोतों के संरक्षण, अतिक्रमण, जल की स्थिति आदि के बारे में अद्यतन जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
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