रांची. झारखंड में ब्लड डिसऑर्डर हेमेटोलॉजी पर पहली बार दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस (इएचबीकॉन 2025) होने जा रहा है. यह सम्मेलन होटल रेडिसन ब्लू में 23 से 25 मई के बीच होगा. यह सम्मेलन रक्त विकारों और थैलेसीमिया मुक्त झारखंड अभियान के लिए अहम कड़ी साबित होगा. रिम्स और सदर अस्पताल के संयुक्त आयोजन में आयोजित यह पूर्वी जोन का नौवां कॉन्फ्रेंस होगा.
400 से अधिक विशेषज्ञ करेंगे शिरकत
कॉन्फ्रेंस में पूर्वी भारत और देश के अन्य हिस्सों से 400 से अधिक हेमेटोलॉजिस्ट, ऑन्कोलॉजिस्ट और शोधकर्ता भाग लेंगे. यह नवीनतम अनुसंधान और रक्त विकारों के बारे में जानकारी साझा करेंगे. सम्मेलन में 60 से अधिक राष्ट्रीय संकाय 50 शोध पत्रों पर चर्चा करेंगे. वहीं, सिकलसेल कार्यशाला में राज्य भर के 100 डॉक्टर भाग लेंगे.
थैलेसीमिया मुक्त भारत के लक्ष्य में मिलेगी मदद
इधर सदर अस्पताल में सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि यह सम्मेलन थैलेसीमिया मुक्त भारत अभियान के लक्ष्य को पाने में मदद करेगा. क्लीनिकल हेमेटोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक रंजन ने कहा कि थैलेसीमिया और ब्लड कैंसर के मरीज का वर्तमान में सदर अस्पताल में इलाज हो रहा है. वहीं को-ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ अजय महलका ने कहा कि कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नीति निर्धारकों को हेमेटोलॉजी से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया जायेगा. यह सम्मेलन रक्त विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और बेहतर उपचार प्रदान करने में मदद करेगा.
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