रांची. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नयी दिल्ली में नीति आयोग शासी परिषद की 10वीं बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, दिल्ली में स्थानिक आयुक्त अरवा राजकमल व योजना सचिव मुकेश कुमार भी शामिल हुए. बैठक में मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने राज्य में डेडिकेटेड इंडस्ट्रियल माइनिंग कॉरिडोर विकसित करने की जरूरत बतायी. इससे सामान्य परिचालन में सुविधाएं बढ़ेंगी. मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि राज्य में रेल परिचालन को विस्तार देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्यों को सुविधा प्रदान करते हुए साहिबगंज जिला कार्गो हब की दृष्टि से बहुत ही कारगर सिद्ध हो सकता है. वहां गंगा नदी पर अतिरिक्त पुल का निर्माण या उच्चस्तरीय बांध बनाना महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए स्ट्रैटेजिक इंपॉर्टेंस क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विस्तार को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया.
झारखंड सरकार ने सामाजिक सुरक्षा से जुड़ीं कई योजनाएं लागू की
मुख्यमंत्री ने नीति आयोग को बताया कि झारखंड सरकार ने सामाजिक सुरक्षा से जुड़ीं कई योजनाएं लागू की हैं. इनमें पेंशन योजना, मंईयां सम्मान योजना, अबुआ स्वास्थ्य योजना आदि प्रमुख है. केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के मानदंड में कुछ बदलाव करने से योजनाओं का फायदा ज्यादा जरूरतमंद लोगों को मिल सकेगा. श्री सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार 25 लाख परिवारों को प्रतिमाह पांच किलोग्राम चावल, आयुष्मान योजना से वंचित 28 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से वंचित 38 लाख गरीब परिवारों को 15 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है. महिला सशक्तीकरण के लिए लगभग 50 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये दिये जा रहे हैं.जिलावार हेल्थ प्रोफाइल तैयार कराया जा रहा है
मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने बताया कि झारखंड में जिलावार हेल्थ प्रोफाइल तैयार कराया जा रहा है. प्रखंड, अनुमंडल व जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने के लिए इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने केंद्र की योजनाओं को राज्यों के अनुरूप लागू करने की मांग की. कहा : मनरेगा, पीएम आवास व अन्य योजनाओं की राशि में वृद्धि होनी चाहिए. उद्यमों को ध्यान में रखते हुए राज्य में लागू सीएनटी व एसपीटी एक्ट पर वित्त मंत्रालय के समन्वय से विचार होना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है