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Heavy to Very Heavy Rain Alert: झारखंड में 3 सितंबर को भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है. आईएमडी ने 3 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, तो 7 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. पश्चिमी सिंहभूम, गुमला और सिमडेगा में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जतायी गयी है. वहीं, गढ़वा, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है.
मौसम विभाग ने 3 सितंबर के लिए जारी किया स्पेशल बुलेटिन
मौसम विभाग की ओर से जारी स्पेशल बुलेटिन जारी करते हुए झारखंड में 3 सितंबर 2025 के लिए भारी से बहुत भारी वर्षा की प्रभाव आधारित चेतावनी जारी की है. इसमें कहा है कि उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना वेल मार्क्ड लो प्रेशर एरिया (सुस्पष्ट निम्न दबाव का क्षेत्र) 3 सितंबर 2025 को सुबह 8:30 बजे उत्तरी ओडिशा तट से दूर उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में है.
समुद्र से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला है चक्रवात
इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण (अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन) समुद्र तल से औसतन 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला है. ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुक रहा है. अगले 24 घंटे के दौरान इसके उत्तर-ओड़िशा और उससे सटे झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ से होते हुए पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है.
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Heavy to Very Heavy Rain Alert: बंगाल की खाड़ी तक पहुंच रहा मानसून ट्रफ
मौसम बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि औसत समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका (मानसून ट्रफ) अब बीकानेर, जयपुर, दमोह, पेंड्रा रोड, संबलपुर, उत्तरी ओडिशा तट से दूर उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के केंद्र से होते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर पर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक पहुंचती है.
अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के रांची स्थित मौसम केंद्र ने कहा है इस मौसमी प्रणाली के प्रभाव से झारखंड के कुछ जिलों में अगले 24 घंटे के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. मौसम विभाग ने जनता से अनुरोध किया है कि वे सतर्क रहें और आवश्यक सावधानी बरतें. इस दौरान वज्रपात और तेज हवा चलने की भी संभावना है. हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है.
ऑरेंज अलर्ट वाले क्षेत्र में बरतें ये सावधानियां
- मछली पकड़ने, कैंपिंग करने या किसी अन्य गतिविधि के लिए नदी में जाने से बचें.
- अगर छप्पर का घर बना रहे हैं, तो मजबूत बनायें, जो तेज हवाओं और भारी वर्षा की वजह से होने वाले भू-स्खलन को झेलने में सक्षम हो.
- बिना समय बर्बाद किये भू-स्खलन पथ या निचली घाटियों से तुरंत दूर चले जायें.
- निर्माण और संवेदनशील क्षेत्रों में रहने से बचने का प्रयास करें.
- खड़ी ढलानों और जल निकासी पथ के पास घर न बनायें.
- मौसम से संबंधित जानकारी के लिए रेडियो या टेलीविजन पर समाचार सुनते रहें. यूट्यूब और सोशल मीडिया पर मौसम विभाग के अकाउंट को फॉलो करें. हर गतिविधि की जानकारी आपको वहां मिलती रहेगी.
पीले रंग की चेतावनी वाले क्षेत्र के लोग क्या सावधानी बरतें?
- अपने आसपास की नालियों को साफ रखें. कूड़े, पत्ते, प्लास्टिक की थैलियां, मलबा आदि को नालियों में न डालें. समय-समय पर देखते रहें कि अगर ये चीजें उसमें हैं, तो उसे साफ करवा दें.
- बहते पानी में न चलें. 6 इंच बहता पानी आपको गिरा सकता है. अगर आपकी कोई मजबूरी है कि पानी में चलना ही है, तो वहां चलें, जहां पानी न बढ़ रहा हो.
- अपने सामने जमीन की मजबूती की जांच करने के लिए एक छड़ी का इस्तेमाल आप कर सकते हैं.
- रेडियो, टीवी और मौसम विभाग के सोशल मीडिया अकाउंट से मौसम संबंधी अधिकृत जानकारी लेते रहें.
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