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Sarkari Naukri|रांची विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति : डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन कल से, गेस्ट फैकल्टी को 5 प्वाइंट का वेटेज

Sarkari Naukri: रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने 299 नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल अतिथि शिक्षकों को एकेडमिक वेटेज (शैक्षणिक प्राथमिकता) देने का निर्णय लिया है.

Sarkari Naukri: रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने 299 नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल अतिथि शिक्षकों को एकेडमिक वेटेज (शैक्षणिक प्राथमिकता) देने का निर्णय लिया है. यह वेटेज उन्हें प्रति वर्ष एक प्वाइंट अधिकतम पांच प्वाइंट (अंक) के रूप में दिया जा रहा है. यानि अतिथि शिक्षक जितने वर्ष अध्यापन का कार्य किया है. उनमें प्रति वर्ष एक प्वाइंट मिलेगा, लेकिन यह अधिकतम पांच प्वाइंट ही होगा. जबकि वैसे सामान्य अभ्यर्थी जो कहीं अन्य जगह अध्यापन का कार्य कर रहे हैं व नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं, उन्हें अधिकतम चार प्वाइंट ही मिलेंगे. लेकिन उन्हें वेटेज तभी मिलेगा, जब तक कि संबंधित संस्थान में नियमानुसार नियुक्ति हुई हो और गवर्निंग बॉडी द्वारा लिखित प्रमाण पत्र जमा किया हो. नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में एकेडमिक स्तर पर 80 अंक तथा इंटरव्यू में 20 अंक निर्धारित किये गये हैं.

आज तक आपत्ति होगी दर्ज

रांची विवि प्रशासन ने वैसे अभ्यर्थी, जिन्हें विवि द्वारा जारी मेरिट लिस्ट व प्राप्तांक में किसी प्रकार की आपत्ति है, तो वे 16 जनवरी 2025 तक अपनी आपत्ति साक्ष्य के साथ दर्ज करा सकते हैं. आपत्ति का निराकरण कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा के निर्देशन में नोडल अफसर विनोद नारायण, डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू, उपकुलसचिव सह वित्त पदाधिकारी डॉ प्रीतम कुमार, प्रॉक्टर डॉ मुकुंद चंद्र मेहता शामिल हैं. विवि द्वारा 17 जनवरी 2025 से मोरहाबादी स्थित मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र में आरंभ किया जा रहा है.

अतिथि शिक्षकों ने प्राथमिकता नहीं दिये जाने का किया विरोध

इधर रांची विवि के 124 अतिथि शिक्षकों ने नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में सरकार के निर्देश के आलोक में उन्हें प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद ने कहा है कि विवि प्रशासन ने जिस प्रकार से मेरिट लिस्ट बनाया है, जिसमें प्रतीत होता है कि अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. डॉ प्रसाद ने कहा कि उनलोगों ने विवि में जब शिक्षकों की कमी थी, उस समय से यानि पिछले आठ वर्षों से पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं. कई ऐसे विषय हैं, जिनमें सीट ही नहीं हैं. वैसे शिक्षकों का क्या होगा. प्रेम शंकर तिवारी ने कहा कि वह सामान्य वर्ग से आते हैं, लेकिन उनके विषय में भी सीट नहीं है.

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Prabhat Khabar News Desk
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