मनोज सिंह, रांची.
कृषि विभाग खरीफ मौसम में होने वाले बीज वितरण में आदिम जनजाति पर विशेष रूप से फोकस करेगा. विभाग अनुसूचित क्षेत्र (शिड्यूल एरिया) पर भी विशेष ध्यान रखेगा. कृषि विभाग ने पंचायती राज विभाग को पत्र लिखकर आदिम जनजाति गांवों और अनुसूचित एरिया की सूची मांगी है. इसके आधार पर खरीफ मौसम में बीज वितरण के समय इस एरिया पर विशेष प्लानिंग की जायेगी. विभाग का कहना है कि इस बार एक भी शिड्यूल एरिया के गांव को नहीं छोड़ा जायेगा.136 टीएसपी ब्लॉक हैं राज्य में
राज्य में कुल 16 जिले शिड्यूल एरिया में आते हैं. इसके तहत 136 प्रखंड जनजातीय सब प्लान (टीएसपी) में चिह्नित किये गये हैं. राज्य में 50 फीसदी से अधिक जनजातीय आबादी वाले गांवों की संख्या 12164 गांव है. अंतिम जनगणना के मुताबिक, यहां करीब 66.66 लाख जनजातीय आबादी रहती है. इसमें करीब तीन लाख आदिम जनजाति के लोग हैं. इनको कृषि विभाग के बीज से आच्छादित करने की योजना है.
50 हजार क्विंटल से अधिक बीज बंटेगा
आनेवाले खरीफ मौसम में 50 हजार क्विंटल से अधिक बीज बांटा जायेगा. बीज का वितरण किसानों की मांग के अनुसार होता है. लैम्प्स और पैक्स पहले बीज की मांग करते हैं. बीते साल करीब 46 हजार क्विंटल बीज खरीद का आदेश दिया गया था. इसमें करीब 36 हजार क्विंटल बीज की आपूर्ति की गयी थी. आनेवाले खरीफ मौसम में 50 हजार क्विंटल से अधिक बीज आपूर्ति की योजना है. इससे करीब 30 हजार से अधिक किसानों को फायदा मिलेगा. राज्य सरकार बीज का वितरण खरीफ सीड एक्सचेंज, एनएफएसएम, बिरसा फसल विस्तार योजना, मिलेट मिशन तथा कृषि उन्नति योजना के तहत करती है. चालू वित्तीय वर्ष में कृषि विभाग को सालभर की बीज वितरण योजना पर खर्च करने के लिए 95 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बोले अधिकारी
इस वर्ष खरीफ मौसम के दौरान होने वाले बीज वितरण में आदिम जनजाति और शिड्यूल एरिया पर विशेष फोकस होगा. सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को भी ऐसे प्रखंडों और गांवों को विशेष रूप से चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है. कोशिश होगी कि सभी जरूरतमंद किसानों को समय से बीज मिल जाये.कुमार ताराचंद, निदेशक, कृषिB
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