रांची (प्रमुख संवाददाता). वन विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं का मूल्यांकन स्वतंत्र एजेंसियों से कराया जायेगा. ये एजेंसियां वन विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की सफलता व जन सहभागिता का मूल्यांकन करेंगी. मूल्यांकन कार्य के लिए निविदा आमंत्रित कर स्वतंत्र एजेंसियों का चयन किया जायेगा.
एजेंसियों के विशेषज्ञ पर्यावरण, वानिकी व वन्य प्राणी आदि विषयों पर सर्वे कर विभागी योजनाओं से उन पर पड़ रहे प्रभाव का अध्ययन करेंगी. मालूम हो कि राज्य सरकार द्वारा वन विभाग के माध्यम से करायी जाने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन पर बड़ी धनराशि खर्च की जाती है. लेकिन, योजनाओं के क्रियांवयन से पड़ने वाले प्रभाव की समुचित जानकारी हासिल नहीं कर पाती है. योजनाओं के गुण व दोष की जानकारी नहीं होने की वजह से कई बार गैरजरूरी या गैर उपयोगी योजनाओं का संचालन भी जारी रहता है. राज्य सरकार स्वतंत्र एजसेंयों से योजनाओं के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करा कर जनोपयाेगी व पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान देने वाली योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी.पीएमयू की होगी स्थापना
वन विभाग में पीएमयू की स्थापना की जायेगी. पीएमयू राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन के लिए सभी प्रादेशिक, वन्यप्राणी व सामाजिक वानिकी प्रमंडलों में कार्य करेगी. पीएमयू में विशेषज्ञों को नियुक्त किया जायेगा. यहां यह उल्लेखनीय है कि विभाग में सहायक वन संरक्षक, वन क्षेत्र पदाधिकारी, वनपाल व वनरक्षी संवर्ग के कर्मियों की भारी कमी है. इस वजह से राज्य के विभिन्न वन प्रमंडलों में तकनीकी रूप से दक्ष पदाधिकारियों का भी अभाव है. पीएूमयू के स्थापित होने से यह कमी दूर होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है