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झारखंड में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज, जानें क्या है इसके फायदे और क्या कहते हैं जानकार

झारखंड में इलेक्ट्रिक व्हीकल दिन ब दिन तेजी से बढ़ रहा है, इसके आने से पेट्रोल-डीजल की बचत हो रही है. जानकार इसे फ्यूचर ऑफ ट्रांसपोर्ट बता रहे हैं. जानकारों के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज बढ़ने के कई कारण हैं

रांची: ऑटो सेक्टर का बाजार बदल रहा है. अब इलेक्ट्रिक व्हीकल का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. देशभर में 2021 में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री दोगुनी हुई है. इस वर्ष देशभर में 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की उम्मीद है. एसएमइवी के अनुसार इस साल हर मिनट में दो इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकेंगी, जबकि पिछले 15 वर्षों में अनुपात डेढ़ घंटे में एक वाहन बिकने का था.

इधर, रांची में भी इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का क्रेज जबरदस्त बढ़ रहा है. इलेक्ट्रिक वाहनों के आने से पेट्रोल-डीजल की बचत हो रही है. साथ ही पर्यावरण को होनेवाले नुकसान से भी बचाव हो रहा है. कार्बनडाइऑक्साइड का उत्सर्जन भी रुका है. विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को न सिर्फ अच्छे विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि इसे फ्यूचर ऑफ ट्रांसपोर्ट भी कहा जा रहा है. बाजार में टू और फोर व्हीलर के कई इलेक्ट्रिक वेरियंट आ चुके हैं.

1407 इलेक्ट्रिक वाहन रांची में रजिस्टर्ड

रांची में 2019 से लेकर अब तक कुल 1,407 वाहन निबंधित हो चुके हैं. इसमें मोटरसाइकिल, स्कूटर, कार, इ-रिक्शा, थ्री व्हीलर आदि शामिल है. इसकी बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2019 से अब तक रांची में 35 शोरूम खुल गये हैं.

इसलिए बढ़ रहा क्रेज

जानकार कहते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज बढ़ने के कई कारण हैं. पहला यह कि इनकी कीमतें पहले की तुलना में आकर्षक हो गयी हैं. यह कारण है कि आम लोग भी इसे खरीदने में रुचि रखने लगे हैं. भविष्य में कीमतों में और कमी आने की संभावना है. इलेक्ट्रिक स्‍कूटर और बाइक चार्ज होने में जितने खर्च होते हैं, वह पेट्रोल की तुलना में किफायती है. साथ ही मेंटेनेंस खर्च भी कम है.

रांची में रजिस्टर्ड ई-व्हीकल

इ-रिक्शा 523

बाइक/स्कूटर 801

मोटर कार 52

थ्री व्हीलर 08

इ-रिक्शा 14

थ्री व्हीलर 09

इन्हें नहीं होगा बैटरी का तनाव

प्रतिदिन 50-60 किमी का सफर तय करनेवालों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल आसान है़ क्योंकि उन्हें बैटरी खत्म होने का तनाव नहीं होगा़ ज्यादातर कंपनियों ने अब इलेक्ट्रॉनिक टू-व्हीलर की रेंज 80-100 किमी तक कर दी है. वहीं कार की रेंज 300-500 किमी तक हो गयी है़

निबंधन शुल्क में 25 फीसदी छूट

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से झारखंड में ऐसे वाहनों पर छूट भी दी जा रही है. पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में इन वाहनों पर निबंधन शुल्क में कुल 25 प्रतिशत की छूट दी जाती है.

बाजार में आयी बड़ी कंपनियां

इलेक्ट्रिक व्हीकल के बाजार में कई बड़ी कंपनियां आ गयी हैं. इसमें टाटा मोटर्स, एमजी मोटर्स, टीवीएस, बेनलिंग सहित कई कंपनियां शामिल हैं. बीएमडब्ल्यू भी कार लाने वाली है.

पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग स्टेशन

चुनिंदा चार पहिया शोरूम में भी चार्जिंग स्टेशन खोल दिये गये हैं. पेट्रोल पंपों पर भी चार्जिंग स्टेशन खोलने की योजना है. करमटोली, कोकर, डीपीएस स्कूल के निकट, रिंग रोड के निकट चार्जिंग स्टेशन ख्ुलेंगे.

इन गाड़ियों के फायदे

प्रदूषण में कमी : ई-व्हीकल्स का सबसे बड़ा फायदा है कि ये पेट्रोल और डीजल वाहनों के मुकाबले काफी कम प्रदूषण करते हैं. इसमें इस्तेमाल होनेवाला मोटर नहीं के बराबर उत्सर्जन करता है.

ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण : इन वाहनों से दूसरे वाहनों के मुकाबले प्रदूषण कम होता है. इलेक्ट्रिक गाड़ियां कम आवाज करती हैं.

महंगे ईंधन से राहत : इलेक्ट्रिक वाहनों का दूसरा सबसे बड़ा फायदा ये है कि आप हर रोज बढ़ रहे पेट्रोल या डीजल की कीमतों से छुटकारा पा सकते हैं. इसे एक बार चार्ज करना होता है. इसके बाद पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए बार-बार पेट्रोल पंप पर जाने की जरूरत नहीं है.

पैसा बचत : दूसरे वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों के रख-रखाव और मेंटेनेंस पर खर्च कम होता है. ऐसे वाहनों को ज्यादा सर्विसिंग की जरूरत नहीं होती. इन वाहनों को घर में भी चार्ज किया जा सकता है.

कुछ परेशानियां भी हैं

चार्जिंग स्टेशन की कमी: इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन जरूरी है. लेकिन अभी पर्याप्त संख्या में चार्जिंग स्टेशन नहीं हैं. इसलिए हर जगह इन वाहनों को नहीं ले जाया जा सकता है.

कीमत भी ज्यादा: इलेक्ट्रिक कार डीजल और पेट्रोल कार के मुकाबले महंगी होती हैं. ऐसे में लोग कम पैसे में दूसरी कार खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं.

पावर की भी समस्या: ई-व्हीकल पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में कम पावरफुल होते हैं. इलेक्ट्रिक व्हीकल में इस्तेमाल की जानेवाले मोटर की कीमत भी ज्यादा होती है.

प्रदूषण : आमतौर पर इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल और डीजल वाहनों के मुकाबले काफी कम उत्सर्जन करते हैं. इससे प्रदूषण काफी कम होता है. फिर भी ये वाहन पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त नहीं है. ई-व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाली बैटरी और चार्जिंग पावर जरूरी नहीं है कि ग्रीन एनर्जी पैदा करें.

इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी का ख्याल रखना जरूरी
खरीदने से पहले ध्यान दें

आप प्रतिदिन कितने किलोमीटर की यात्रा करते हैं

इलेक्ट्रिक वाहन की खरीदारी कमर्शियल इस्तेमाल के लिए कर रहे हैं या खुद के लिए

गाड़ी की बैटरी लाइफ और उसके रख-रखाव के बारे में जरूर जान लें

Posted By: Sameer Oraon

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